धर्म डेस्क। रक्षा बंधन, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है यह एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है, जिसका भारत में बहुत अधिक महत्व है। यह पर्व भाई-बहन के बीच के अटूट प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन शब्द का अर्थ है - सुरक्षा का बंधन। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बहनें इस दिन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने की कसमें खाते हैं,
कई बार जाने-अनजाने में बहनें भाई को राखी बांधते और तिलक लगाते समय कई गलतियां कर देती हैं, लेकिन भाई को तिलक करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान रखना चाहिए। छोटे और बड़े भाई को तिलक उनकी राशि के अनुसार लगाना चाहिए। आइए जानते हैं भाई को राशि के हिसाब से कौन-से तिलक लगाना चाहिए...
मेष: सिन्दूर का तिलक
वृषभ: चमकीला तिलक
मिथुन: चमेली की सुगंध का तिलक
कर्क: चंद्राकार लाल तिलक
सिंह: गुलाब जल युक्त लाल तिलक
कन्या: चावल हल्दी का मिश्रित टीका
तुला: चांदी के अर्क का लाल टीका
वृश्चिक: शहद युक्त लाल तिलक
धनु: हल्दी चावल का तिलक
मकर: रोली का तिलक
कुम्भ: घी चावल का टीका
मीन: चंदन कुमकुम का टीका
ज्योतिष के अनुसार, अगर भाई बड़ा है और बहन छोटी होती है, तो कनिष्ठा उंगली यानी सबसे छोटी उंगली से भाई का तिलक करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि छोटी उंगली से तिलक करने पर भाई के जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
वहीं, अगर बहन बड़ी है और भाई छोटा है, तो बहन को अंगूठे से तिलक करना चाहिए। कहा जाता है कि अंगूठे से तिलक करने पर छोटे भाई को हर कार्य में अपार सफलता मिलती है। भाई का तिलक तिरछा और आड़ा-टेढ़ा नहीं होना चाहिए। तिलका हमेशा एक सीध में लगाएं और तिलक के दौरान भाई को अक्षत जरूर लगाएं। बिना अक्षत के तिलक अधूरा माना जाता है।