
डिजिटल डेस्क। साल 2026 की पहली पूर्णिमा यानी पौष पूर्णिमा 03 जनवरी को मनाई जाएगी। हिंदू शास्त्रों में पूर्णिमा की रात को अत्यंत प्रभावशाली माना गया है क्योंकि इस समय चंद्रमा अपनी पूर्ण ऊर्जा में होता है। इसे 'सिद्धियों की रात' भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी स्वयं पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। यदि इस पावन अवसर पर कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो पूरे साल सुख, समृद्धि और सकारात्मकता बनी रहती है।
पूर्णिमा की रात चावल की खीर बनाएं और इसे चांदी या कांच के बर्तन में ऐसी जगह रखें, जहां चंद्रमा की सीधी रोशनी उस पर पड़े। मध्य रात्रि के बाद इस अमृतमयी खीर को परिवार के साथ ग्रहण करें। यह उपाय उत्तम स्वास्थ्य और आर्थिक संपन्नता के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
धन लाभ के लिए 11 पीली कौड़ियों पर हल्दी का तिलक लगाकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें। 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद' मंत्र का 108 बार जाप करने के बाद, इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें। इससे साल भर बरकत बनी रहती है।
मानसिक शांति और व्यापारिक सफलता के लिए चांदी के लोटे में जल, कच्चा दूध, चीनी और सफेद फूल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। यह उपाय सौभाग्य में वृद्धि करता है।
इस रात घर में झगड़ा या क्लेश न करें, अन्यथा लक्ष्मी जी रुष्ट हो सकती हैं।
भोजन पूरी तरह सात्विक रखें और मन में शुद्ध विचार लाएं।
अगले दिन सुबह किसी जरूरतमंद को सफेद वस्तुओं (जैसे चावल, चीनी या दूध) का दान करना शुभ फलदायी होता है।
अस्वीकरण- इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।