Pitra Shanti Upay। पितृ दोष के बारे में मार्कंडेय पुराण में विस्तार से बताया गया है कि जिस व्यक्ति को पितृ दोष लग जाता है, उनके जीवन की प्रगति व उन्नति रुक जाती है। वहीं यदि पितरों की कृपा हो जाए तो असंभव कार्य भी संभव हो सकता है। इसके अलावा यदि जातक के परिवार को कोई न कोई सदस्य बीमार रहता है या संतान नहीं हो रही है। इसके अलावा आपसी विवाद, मनमुटाव, विवाह में देरी हो रही है तो समझ जाएं तो पितृ दोष के कारण ऐसा हो रहा है। ऐसे में पितृ दोष दूर करने के उपाय जल्द करना चाहिए।
पितृ पक्ष का महत्व
हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि मृत्यु के बाद मृत व्यक्ति का श्राद्ध करना बेहद जरूरी होता है। अगर श्राद्ध न किया जाए तो मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है, पितृपक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध करने से वे प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
रोज पीपल के पेड़ को चढ़ाएं दूध
पितृ दोष से पीड़ित जातक हर रोज पीपल पेड़ पर दूध-जल मिलाकर जल अर्पित करें। शाम के समय पीपल पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक भी जलाए। इस उपाय से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।
पितृ दोष दूर करने के अन्य उपाय
- अपने पूर्वजों का श्राद्ध विधि विधान से करें।
- अमावस्या के दिन किसी निर्धन को भोजन कराएं, खीर खिलाएं।
- पीपल का वृक्ष लगाएं और उसकी देखभाल करें।
- श्रीमद्भगवद्गीता का नित्य पाठ करें।
- अपने कर्मों को शुद्ध रखने का प्रयास करें
- पितृदोष को खत्म करने के लिए हर अमावस्या पर अपने पूर्वजों और पितरों के नाम से गरीबों को दान करें।
- माता पिता और बुजुर्ग व्यक्तियों को चरण स्पर्श करें और उनका आशीर्वाद लें।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'