By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 26 Aug 2022 01:44:59 PM (IST)
Updated Date: Fri, 26 Aug 2022 01:44:59 PM (IST)
Rahu Ketu Upay। वैदिक ज्योतिष में राहु-केतु को छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है। यदि किसी जातक की कुंडली में राहु और केतु की छाया है तो उनके जीवन में किसी न किसी तरह का संकट बना रहता है। ऐसे लोगों के जीवन में एक समस्या के समाधान होने के साथ ही दूसरी समस्या सामने आ जाती है। राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति दिलाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय हैं, जिससे राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है और शुभ फल की भी प्राप्ति होती है। यदि आप भी राहु और केतु के दुष्प्रभाव से परेशान हैं तो ये उपाय आजमा सकते हैं -
- राहु-केतु छाया ग्रह हैं इसलिए दुर्गा पूजा करने से इन ग्रहों के प्रभावों को शांत किया जा सकता है। क्योंकि देवी दुर्गा को छाया रूपेण भी कहा गया है।
- नाग पर नाचते हुए कृष्ण की तस्वीर को सामने रखकर रोज 108 बार ओम नम: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते हैं तो उससे भी राहु और केतु दोष कम होता है।
- राहु-केतु की प्रतीक सामग्री किसी को दान करने से भी इनके अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है।
- राहु-केतु दोष कम करने के लिए रोज इनके बीज मंत्रों का जप करें। शिव सहस्रनाम और हनुमत सहस्त्रनाम भी रोज किया जा सकता है।
- किसी गरीब व्यक्ति की कन्या का विवाह करने या कन्या दान करने से राहु और कपिला गौ दान करने से केतु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
- राहु दोष कम करने के लिए हल्के नीले वस्त्र धारण करना चाहिए, वहीं केतु दोष कम करने के लिए हल्के गुलाबी रंग के कपड़े पहनने और दान करना चाहिए।
- राहु केतु दोष दूर करने के लिए पंचमुखी शिव के सामने हर रोज रुद्राक्ष की माला से ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए। भगवान नरसिंह या भैरव की पूजा, स्तुति व दर्शन करने से राहु-केतु की बाधाएं दूर होती हैं।
जानें क्या है राहु और केतु ग्रह
ज्योतिष के मुताबिक राहु और केतु का अपना कोई अस्तित्व नहीं है। ऐसे में ये दोनों ग्रह जिस ग्रह के साथ रहते हैं, उसी के अनुसार अपना प्रभाव दिखाने लगते हैं। लग्न कुंडली में कुछ ही ऐसे मौके होते हैं, जब राहु और केतु का प्रभाव शुभ होता है।
राहु दोष का असर
राहु ग्रह के दोष के चलते जातक में अनिद्रा, उदर रोग, मस्तिष्क से संबंधित बीमारी बनी रहती है और राहु दोष के कारण जातक को हड्डी और चर्म रोग आदि भी होते हैं। राहु दोष के कारण लोग आलसी भी हो जाते हैं। राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सबसे पहले अपनी बुरी आदतों को तत्काल बदलना चाहिए।
केतु दोष का असर
जिन लोगों की कुंडली में केतु दोष होता है, उन्हें भी चर्म रोग होने की आशंका रहती है। ऐसे लोगों को कान से संबंधित बीमारी हो सकती है। सुनने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। केतु दोष के कारण कान, रीढ़, घुटने, लिंग, जोड़ आदि में समस्या हो सकती है।
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