Rahu Ketu Vakri: जीवन में परेशानी बढ़ा देते हैं वक्री राहु केतु, इन मंत्रों को रोज करें जाप
Rahu Ketu Vakri Upay यदि आप भी राहु केतु दोष का निवारण करना चाहते हैं तो घर में शेषनाग पर नृत्य करते हुए भगवान कृष्ण की तस्वीर रखें और नियमित रूप से पूजा करें। पूजा करते समय ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Thu, 22 Sep 2022 11:06:32 AM (IST)
Updated Date: Thu, 22 Sep 2022 11:06:32 AM (IST)

Rahu Ketu Vakri Upay । हिंदू ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है और आमतौर यह धारणा है कि राहु केतु के प्रभाव से अधिकांश जातकों में काफी उथल-पुथल मच जाती है और जीवन में कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली पर राहु और केतु का अशुभ प्रभाव पड़ता है, तो वह कई तरह की परेशानियों से घिर जाता है। कुंडली में राहु-केतु दोष के चलते करियर में असफलता, बीमारी, आर्थिक समस्या के साथ साथ मानसिक तनाव भी झेलना पड़ता है और यदि आप भी इनमें से किसी तरह की समस्या के प्रभावित हैं तो तत्काल अपनी कुंडली चेक कराना चाहिए और राहु केतु दोष का निवारण करना चाहिए।
वक्री राहु के दिखते हैं ये लक्षण
राहु-केतु की अशुभ लक्षणों को जानकर कुछ ज्योतिषीय उपाय आजमा सकते हैं। ज्योतिष में इन उपायों को बहुत ही सरल और चमत्कारी माना गया है। राहु-केतु के अशुभ प्रभाव और दोषों के कारण शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष के मुताबिक राहु अशुभ होने पर जातक को मानसिक तनाव, आर्थिक हानि, संपत्ति का नुकसान, अनियंत्रित क्रोध, मरे हुए सांपों, छिपकलियों और पक्षियों को देखना, पारिवारिक कलह और कोर्ट कचहरी के मामले में फंसने जैसी समस्याएं देखने में आती है।
वक्री केतु के दिखते हैं ये संकेत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति के जीवन में जब केतु ग्रह वक्री हो जाता है तो इसका अशुभ प्रभाव शारीरिक समस्याओं के रूप में दिखाई देने लगता है। इन जातकों को बाल झड़ना, जोड़ों का दर्द, चर्म रोग, रीढ़ की हड्डी के रोग, नसों में कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
वक्री राहु केतु दोष का ऐसे करें निवारण
देवी भगवती की पूजा करने से राहु-केतु दोष निवारण होता है। देवी दुर्गा को छाया ग्रह कहा जाता है और राहु-केतु को छाया ग्रह भी कहा जाता है। देवी दुर्गा की पूजा करने से राहु-केतु के कारण होने वाले अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।
राहु केतु दोष निवारण मंत्र का जाप
यदि आप भी राहु केतु दोष का निवारण करना चाहते हैं तो घर में शेषनाग पर नृत्य करते हुए भगवान कृष्ण की तस्वीर रखें और नियमित रूप से पूजा करें। पूजा करते समय ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से राहु-केतु दोष का प्रभाव भी कम होता है। इसके अलावा किसी गरीब कन्या का विवाह कराने या विवाह में सहयोग करने से भी राहु-केतु का अशुभ प्रभाव कम होता है। साथ ही रविवार के दिन कन्याओं को दही और खीर खिलाने से केतु दोष का निवारण होता है।
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