Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल सावन पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांधती हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहनों को गिफ्ट देते हैं।
ज्योतिषियों की मानें तो लंबे समय बाद इस बार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) पर दुर्लभ महासंयोग बन रहा है। यह संयोग साल 1930 समान है। ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार नक्षत्र, पूर्णिमा संयोग, राखी बांधने का समय लगभग समान है। माना जाता है कि इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने और राखी बांधने से दोगुना फल मिलेगा। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार 8 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर सावन महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी। वहीं 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी। हालांकि, 8 अगस्त को भद्रा दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से 9 अगस्त को देर रात 1 बजकर 52 मिनट तक है। यही वजह है कि 8 अगस्त के बदले 9 अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि भद्रा के धरती पर रहने के दौरान शुभ काम नहीं किया जाता है।
इस बार 9 अगस्त को राखी बांधने का सही समय सुबह 5 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक है। इस समय में सभी बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं, जिसके बाद भाद्रपद महीने की शुरुआत होगी।
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