Rashi Parivartan: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। नवग्रहों में गुरु को सबसे शुभ माना गया है। यह संतान ,ज्ञान ,धर्म ,दर्शन का कारक है और यह शुभ ग्रह होने की वजह से उत्तम फल प्रदान करता है। वैदिक ज्योतिष में गुरु के गोचर को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है । कुंडली में बृहस्पति के बलवान होने पर परिवार, समाज और हर क्षेत्र में प्रभाव बनता है। साथ ही बृहस्पति के प्रभाव से लोगों का मन धर्म-कर्म एवं आध्यात्मिक कार्य में लगता है। इसके अलावा जातकों को कैरियर में उन्नति, स्वास्थ्य लाभ, मजबूत आर्थिक स्थिति, विवाह एवं संतान उत्पत्ति जैसे शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस बार देव गुरु बृहस्पति 22 अप्रैल 2023 को सुबह 5:14 के बाद मेष राशि में रहेंगे। जो कि 1 मई 2024 तक इसी राशि में रहेंगे।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉं सतीश सोनी के अनुसार बृहस्पति देव 22 अप्रैल 2023 को सुबह 5:14 पर अपनी मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। यहां यह 1 मई 2024 को सुबह 4 बजकर 21 मिनट तक रहने वाले हैं। देव गुरु बृहस्पति का गोचर मंगल की मेष राशि में हो रहा है। ऐसे में गुरु पर कुंभ राशि शनि की तृतीय दृष्टि का प्रभाव प्रारंभ होगा। भारतवर्ष की कुंडली वृषभ लग्न पर 22 अप्रैल 2023 का गोचर लगने पर कर्मेश शनि स्वराशि कुंभ में गोचर करते हुए आर्थिक विषयों के कारक गुरु को पीड़ित करने लगेंगे। इससे भारत की आर्थिक स्थिति में गिरावट के योग पहले से अधिक प्रबल होंगे। जिस दिन गुरु ग्रह का गोचर मेष राशि में होगा। उस दिन गुरु ग्रह, राहु, सूर्य और बुध चार ग्रहों का युति योग भी बनेगा। स्वतंत्र भारत की कुंडली के द्वादश भाव जिसे य्यय भाव के नाम से जाना जाता है। चतुर ग्रही योग त्रिक भाव में बनने के कारण अशुभ रहेगा। इस योग में सूर्य, बुध और गुरु तीनों राहु से पीड़ित होंगे। इस योग का फल यह होगा कि भारत राष्ट्र के सत्तासीन प्रधानमंत्री को सावधान रहना होगा। शिक्षा के क्षेत्रों के लिए और खेल के क्षेत्रों की के लिए यह योग शुभ रहेगा। यहां गुरु और राहु की युति से बनने वाला गुरु चांडाल योग भी निर्मित हो रहा है। यह भारत की आर्थिक स्थिति में गिरावट के लिए जाना जाएगा।
कुल मिलाकर गुरु का मेष राशि में गोचर करना भारत की तकनीकी क्षेत्रों, मशीनरी, कोर्डिंग, सोशल मीडिया, भूमि के नीचे के खनन से प्राप्त धातु, रत्न, गैस आदि के लिए अत्यंत शुभ रहेगा। वही सनातन धर्म संस्कृति की पताका विश्व में लहरायेगी। परंतु भारत को अपने निकटतम पड़ोसी देशों और घर में छुपे दुश्मनों से सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी। आर्थिक क्षेत्रों में समझ के साथ निवेश करना लाभकारी रहेगा। आर्थिक मंदी के लिए यह वर्ष यादगार रहेगा।
मेष राशि: गुरु नमव व द्वादश हाउस के लॉर्ड होकर आपकी राशि में विराजित है। गुरु की पांचवीं दृष्टि पंचम हाउस पर सातवीं दृष्टि सप्तम हाउस पर और 9वीं दृष्टि नवम हाउस पर है। जिसके कारण आपकी प्रोफेशनल लाइफ में तरक्की होगी। तथा आपकी छवि में वृद्धि देखने को मिलेगी।
वृषभ राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि चतुर्थ हाउस पर सातवीं दृष्टि छठे हाउस पर व नौवीं दृष्टि अष्टम हाउस पर है। इसलिए स्वास्थ्य संबंधी विकार उत्पन्न होने की संभावना रहेगी।
मिथुन राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि तृतीय हाउस पर सातवीं दृष्टि पंचम हाउस पर तथा 9वी दृष्टि सप्तम हाउस पर होने से जीवन साथी के संग आनंद के पल व्यतीत करेंगे।
कर्क राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि द्वितीय व सातवीं दृष्टि चतुर्थ हाउस पर तथा 9वी दृष्टि छठे हाउस पर है। इसके कारण विरोधी और शत्रु आपको परेशान कर सकते हैं।
सिंह राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि आपकी राशि पर सातवीं दृष्टि तृतीय हाउस पर और नौवी दृष्टि पंचम हाउस पर है। अतः बिजनेस में आपके नए नए संपर्क बनेंगे। और लाभ की प्राप्ति होगी।
कन्या राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि द्वादश तथा सातवीं दृष्टि द्वितीय हाउस पर एवं 9वी दृष्टि चतुर्थ हाउस पर है। जिससे निजी जीवन उथल-पुथल तथा परिजनों के साथ आपके मतभेद हो सकते हैं।
तुला राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि एकादश तथा सातवीं दृष्टि आपकी राशि पर और 9वीं दृष्टि तृतीय हाउस पर है।इस कारण काम के सिलसिले की वजह से स्थान परिवर्तन के योग बनेंगे।
वृश्चिक राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि दशम पर सातवीं दृष्टि द्वादश हाउस पर और 9वीं दृष्टि द्वितीय हाउस पर होने से आप के धन में वृद्धि होगी। तथा परिवार के साथ सहयोग मिलेगा।
धनु राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि नवम हाउस पर सातवीं दृष्टि एकादश हाउस पर और 9वीं दृष्टि आपकी राशि पर है। इसलिए बिजनेस में उतार-चढ़ाव के साथ वर्कप्लेस पर विवाद होने की संभावना बनती है।
मकर राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि अष्टम हाउस पर सातवीं दृष्टि दशम हाउस पर 9वीं दृष्टि द्वादश हाउस पर होने से लंबी यात्राएं के साथ परोपकार के कार्य पर अधिक खर्च होने की संभावना।
कुंभ राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि सप्तम हाउस पर सातवीं दृष्टि नवम हाउस पर है। सेहत में सुधार के साथ नई सफलता उपलब्धियां प्राप्त करेंगे।
मीन राशि: गुरु की पांचवी दृष्टि छठवें हाउस पर सातवीं दृष्टि अष्टम हाउस पर और 9वीं दृष्टि दशम हाउस पर है। जिसके कारण निवास स्थान में परिवर्तन तथा धन लाभ होने की संभावना बनती है।