Shani 2023: शनि का उदय कई राशियों को देगा रोग, जानिए इसके लक्षण और ज्योतिषीय उपाय
Shani 2023: जिनकी कुंडली में शनि अशुभ भावों का स्वामी हो, उन पर शनि के उदय बहुत अहम असर डालेगा।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Thu, 09 Mar 2023 09:21:49 PM (IST)
Updated Date: Thu, 09 Mar 2023 09:21:48 PM (IST)

Shani 2023: ज्योतिष शास्त्र में शनि को उग्र, क्रूर या पाप ग्रह माना जाता है। सामान्य धारणा है कि शनि की दृष्टि जहां पड़ जाए, वहां अशुभ फल मिलेगा। खास तौर लंबी बीमारी, आयु का संकट, बुढ़ापे का कष्ट आदि के लिए शनि को जिम्मेदार माना जाता है। वैसे सभी ग्रहों का संबंध हमारे शरीर के किसी ना किसी हिस्से से होता है और उनके पीड़ित होने पर शरीर के उस हिस्से में बीमारी होती है। लेकिन शनि को खास तौर पर बुरे परिणाम देनेवाला माना गया है। 6 मार्च 2023, सोमवार को शनि अपनी राशि कुंभ में उदित हो गए हैं। शनि 30 साल बाद अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में हैं और इस स्थान पर काफी बली माने जाते हैं। ऐसे में जिनकी कुंडली में शनि अशुभ भावों का स्वामी हो, उन पर शनि के उदय बहुत अहम असर डालेगा।
शनि के दुष्प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीड़ित शनि व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की परेशानियों को पैदा करता है। सभी ग्रहों में शनि धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। जिस कारण से इनका प्रभाव जातकों के ऊपर लंबे समय तक रहता है। इसलिए शनि के अशुभ प्रभाव के कारण होने वाली बीमारी भी लंबे समय तक चलती है। आईये जानते हैं पीड़ित शनि से क्या बीमारियां हो सकती हैं। -
- शनि को वात रोग यानी वायु से होने वाले रोगों जैसे ठंड, कफ, अस्थमा आदि का कारक माना जाता है।
- शनि ग्रह को कैंसर, पैरालाइसिस, सर्दी-जुक़ाम, अस्थमा, चर्म रोग, फ्रैक्चर आदि बीमारियों का जिम्मेदार माना जाता है।
- शरीर के मुख्य अंगों जैसे हड्डियों, पैर, दांत, मांसपेशियों, बाल, जोड़ों, आंतों और नाखूनों पर शनि का प्रभाव सबसे अधिक होता है।
- कुंडली में शनि ग्रह के कमजोर होने पर हड्डियों से जुड़े रोग जैसे गठिया, जोड़ों में दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डी का कैंसर आदि होने की संभावना बढ़ जाती है।
- शनि के अशुभ प्रभाव के कारण जातक को कुष्ठ रोग, लकवा, पागलपन, किसी अंग की खराबी, लिवर रोग, लिवर कैंसर, पैरों का लड़खड़ाना, लसीका फाइलेरिया आदि से संबंधित बीमारी भी हो सकती है।
- शनि की वजह से कई लाइलाज बीमारियां जैसे- पार्किंसंस, मल्टीपल स्केलेरोसिस, मूवमेंट डिसऑर्डर, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, मायोसाइटिस होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
- यदि शनि मंगल ग्रह से पीड़ित हो तो यह जातकों के लिए दुर्घटना और कारावास जैसी परिस्थितियों का योग भी बनाता है।
शनि से जुड़े उपाय
- एक स्वस्थ और सात्विक जीवन शैली का पालन करें और स्वच्छता पर ध्यान दें।
- घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए ताजी हवा को अंदर आने दें और हर शनिवार को खारे पानी से पूरे घर को साफ करें।
- हर शनिवार के पीपल की जड़ में जल डालें और शाम को सरसों तेल का दिया जलाएं।
- प्रत्येक शनिवार को काले तिल, उड़द दाल और सरसों का तेल दान करें।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- रोजाना शनि के मंत्रों का कम से कम एक माला (108) जाप करें।
शनि के मंत्र
शनि का वैदिक मंत्र
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।
शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।
शनि का तांत्रिक मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः।।
शनि का बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
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