shortest day of Year: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। धरती पर 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन होगा और रात सबसे लंबी होगी। ज्योत्तिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की शिशिर ऋतू का प्रारंभ 22 दिसंबर से प्रारंभ होगा, इसकी वजह से ग्वालियर में 22 दिसम्बर को सूर्य सिर्फ 10 घंटे 22 मिनट्स तक रहेगा और रात 13घंटे 38 मिनट की होगी ।21 या 22 दिसंबर को भारत समेत कई देशों में सबसे छोटा दिन होता है। दिन का मतलब है सूरज उगने से अस्त होने के बीच वाला वक्त। इस दिन सूरज अपने निश्चित टाइम से कम समय तक रहता है और सूरज जल्द ही अस्त हो जाता है। इससे दिन तो छोटा हो जाता है और रात बड़ी हो जाती है। यानी सूरज कम देर तक धरती पर अपनी किरणों से प्रकाश फैलाता है। इसलिए 22 दिसंबर को साल के सबसे छोटे दिन के लिए जाना जाता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस दिन में हर साल बदलाव होता है। बीते साल 21 दिसंबर को सबसे छोटा दिन था। धरती पर सबसे छोटे दिन को विंटर सॉल्सटिस भी कहा जाता है।सॉल्सटिस एक लैटिन शब्द है जो सोल्स्टिम से बना हुआ है। लैटिन शब्द सोल का अर्थ होता है सूर्य जबकि सेस्टेयर का अर्थ होता है स्थिर खड़ा रहना। इन दोनों शब्दों को मिलाकार सॉल्सटिस शब्द बना है जिसका अर्थ है सूर्य का स्थिर रहना। 22 दिसंबर को पृथ्वी झुके हुए अक्ष पर घूमती है। इसके कारण 22 दिसंबर का दिन साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है।
22 दिसंबर के दिन सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा की तरफ यानी उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर आता है। इस दिन से ठंड और बढ़ती है और बर्फबारी ज्यादा होने लगती है।
विंटर सोल्सटिस का सांस्कृतिक महत्व
विंटर सोल्सटिस के तुरंत बाद ही ईसाइयों का मुख्य त्यौहार क्रिसमस डे मनाया जाता है।विंटर सोल्सटिस को जो कि ठण्ड के मौसम में पड़ता है, इस समय पर दक्षिणी गोलार्द्ध में समर सोल्सटिस रहता है, इसे ऑस्ट्रेलिया के लोग डेरेवेंट नदी में डुबकी लगा कर मनाते है।
इसी दिन है शीतकालीन संक्रांति
22 दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति भी कहा जाता है। विज्ञान की भाषा में इसे दक्षिणायन भी कहा जाता है। रात इसमें करीब 16 घंटे की होती है जबकि दिन करीब 8 घंटे ही रहता है। इस दौरान उत्तरी ध्रुव पर रात हो जाती है जबकि दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य चमकता रहता है।