नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर रविवार की रात सूर्य ग्रहण के रूप में खगोलीय घटना होने जा रही है। खगोल शास्त्र के जानकारों के अनुसार रात 10.59 बजे ग्रहण की शुरुआत होगी। रात 1.11 बजे ग्रहण का मध्य तथा रात 3.23 बजे ग्रहण का मोक्ष होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए किसी भी प्रकार का सूतक मान्य नहीं होगा।
शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक प्रो. डॉ.राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होती है। इस बार एक पखवाड़े के भीतर दो ग्रहण की स्थिति निर्मित हुई है। पहली खगोलीय घटना 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण के रूप में घटित हुई और यह ग्रहण भारत में भी दिखाई दिया।
दूसरी घटना 21 सितंबर की रात 10.59 बजे से सूर्य ग्रहण के रूप में घटित होने जा रही है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण रात में हो रहा है, इसलिए भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन ग्रहण की स्थिति अवश्य निर्मित हो रही है।
ज्योतिषाचार्य पं. हरिहर पंण्डया ने बताया भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसलिए ग्रहण के सूतक आदि को लेकर किसी भी प्रकार का संशय मन में नहीं रखें। सामान्य दिनचर्या अनुसार कामकाज करें। सोमवार को विधिवत घट स्थापना व देवी आराधना की शुरुआत करें।