Gau mata ke shubh sanket : 'त्वं माता सर्व देवानां' अर्थात् गाय सभी देवताओं की माता है। सनातन धर्म में गाय को देवी मां का दर्जा प्राप्त है। हिन्दू पौराणिक मान्यता के अनुसार 33 कोटी देवता गाय में वास करते हैं। शास्त्रों के अनुसार गाय में सुरभि नामक लक्ष्मी देवी भी वास करती हैं। कहा जाता है जहां गाय वास करती हैं, वहां लक्ष्मी होती हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार गौ माता के पैरों में समस्त तीर्थ स्थल का वास होता है। गाय की प्रतिदिन पूजा करने से समस्त कष्टों का नाश होता है। आइए जानते हैं शास्त्रों में गाय को वर्णित संकेतों के बारे में।
गाय के शुभ अशुभ लक्षण और गाय के शुभ अशुभ संकेत
1.रास्ते में गाय का दर्शन होना शुभ माना जाता है।
2.गाय की आवाज भी सुनाई दे जाए तो इससे सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
3.गाय का दरवाजे पर आकर रंभाना यानि बोलना शुभ संकेत माना जाता है। शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार यह दर्शाता है कि भगवान साक्षात आपकी सभी गलतियों को क्षमा करने के लिए द्वार पर खड़े हैं। इस दौरान गाय को रोटी खिलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
4.शास्त्रों के अनुसार आंगन या घर के बाहर बनी रंगोली में गाय का पैर रखना या वहां खड़े हो जाना बहुत ही शुभ सूचक माना जाता है।
5.पद्मपुराण और कर्मपुराण के अनुसार गाय को कभी लांघकर नहीं जाना चाहिए। इससे बनता काम भी बिगड़ जाता है।
6.शास्त्रों के अनुसार गाय को लांघना या लात मारना मौत को दावत देना है, इससे जीवन में अकाल मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है।
7.गौ माता की पीठ पर कूबड़ होता है, शास्त्रों के अनुसार कूबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है। प्रतिदिन पीठ पर हांथ फेरने से समस्त रोगों का नाश होता है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
9 .गाय को नियमित तौर पर भोजन कराने से नवग्रहों की शांति होती है। ऐसे में नियमित तौर पर खुद भोजन करने से पहले गाय को भोजन कराएं।
10.गाय के गोबर से बने उपलों से प्रतिदिन घर, मंदिर व दुकान, परिसर में घूप करने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
11.हथेली पर गुड़ और चना रखकर गाय को खिलाएं। इससे सोए हुए भाग्य की रेखा खुल जाती है और सफलता की प्राप्ति होती है।
12.जो भी मनुष्य प्रतिदिन गाय की सेवा करता है और गाय को चारा देने के बाद रोटी खिलाता है, उसके कार्य में आने वाली सभी विघ्न बाधाएं अपने आप खत्म हो जाती हैं।
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