
धर्म डेस्क। हर इंसान अपने घर में सुख-शांति चाहता है। हालांकि कई कारणों की वजह से ऐसा नहीं हो पाता है। वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार (Main entrance vastu tips) घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश बिंदु है। वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व होता है और सबसे अनुकूल दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) मानी जाती है। हालांकि यदि यह संभव न हो, तो दक्षिण-पूर्वी दिशा भी विकल्प हो सकती है, लेकिन सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इस दिशा में कुछ दोष भी हो सकते हैं।
हर शाम (विशेषकर सूर्यास्त के समय) मेन गेट पर घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए मेन गेट के पास स्वास्तिक या ओम जैसे धार्मिक प्रतीक लगाना अच्छा है।
तुलसी का पौधा गेट के पास रखने से सकारात्मकता में वृद्धि होती है।
दहलीज़ या चौखट बनवाना भी नकारात्मक ऊर्जा को रोकने में सहायक माना जाता है।
मेन गेट हमेशा साफ और व्यवस्थित होना चाहिए। नजदीक में जूते, कूड़ेदान, झाड़ू आदि न रखें, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।
गेट पर नेम प्लेट लगाना शुभ माना जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि वह धूल-मिट्टी से मुक्त हो।
गेट के लिए अच्छी रोशनी होनी चाहिए, खासतौर पर शाम के समय।
दरवाजे को हमेशा अंदर की ओर खुलना चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर आ सके।
वास्तु में दो पल्लों वाला दरवाजा अधिक शुभ माना जाता है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को बाहर रखने में मदद करता है।
मेन दरवाजे का आकार अन्य दरवाज़ों की तुलना में बड़ा और प्रमुख होना चाहिए।
उच्च-गुणवत्ता की लकड़ी (जैसे तीक) का उपयोग मेन दरवाजे में करना अच्छा माना जाता है।
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