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धर्म डेस्क। पौष माह की विनायक चतुर्थी को विघ्नेश्वर चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है और आज यानी 24 दिसंबर को मनाया जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और विधि-विधान से गणपति बप्पा की पूजा करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और साधक को सफलता व सिद्धि की प्राप्ति होती है।
विघ्नेश्वर चतुर्थी पर विशेष रूप से गणेश जी की पूजा, मंत्र जाप और आरती का महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं आज के दिन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और गणेश जी के मंत्र।

सुबह 11:19 बजे से दोपहर 1:11 बजे तक
इस दिन चंद्र दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता है।
सुबह 10:16 बजे से रात 9:26 बजे तक
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर या पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
कलश स्थापना करें और गणेश जी का पंचामृत से अभिषेक करें।
इसके बाद वस्त्र, जनेऊ, चंदन, दूर्वा, फूल, धूप और दीप अर्पित करें।
भगवान गणेश को मोदक, गुड़ या लड्डू का भोग लगाएं।
गणेश मंत्रों का जप करें और अंत में आरती करें।
ॐ गण गणपतये नमः
इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करने से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विघ्नेश्वर चतुर्थी के दिन व्रत रखने और गणेश जी की पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। नौकरी, व्यापार, शिक्षा और वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं से राहत मिलती है।
1. 'श्री गणेशाय नम:'
2. "ऊ गं गणपतये नमः"
3. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
4. "ऊं गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा"
5. गणेश गायत्री मंत्र - ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी,
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी,
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।