Amalaki Ekadashi 2023: 3 मार्च को है आमलकी एकादशी, जानें का शुभ मुहूर्त व धार्मिक महत्व
Amalaki Ekadashi 2023। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु जी ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया था
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Thu, 02 Mar 2023 09:59:47 AM (IST)
Updated Date: Thu, 02 Mar 2023 01:05:21 PM (IST)
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Amalaki Ekadashi 2023। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर आमलकी एकादशी मनाई जाती है। इस एकादशी व्रत को आंवला एकादशी और रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि आंवले के पेड़ के हर स्थान पर ईश्वर का स्थान माना गया है। आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु को आंवला अर्पित करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जानें कब है आमलकी एकादशी
फाल्गुन की आमलकी एकादशी का व्रत 3 मार्च 2023, शुक्रवार को रखा जाएगा। इस एकादशी व्रत पर श्री हरि विष्णु जी के साथ में भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी तिथि की शुरुआत 2 मार्च 2023 सुबह 6.39 मिनट से होगी और एकादशी तिथि का समापन 3 मार्च 2023 को सुबह 9.12 मिनट पर होगा। उदया तिथि के चलते आमलकी एकादशी व्रत 3 मार्च को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार आमलकी एकादशी व्रत के पारण का समय 4 मार्च 2023 को सुबह 06.48 से सुबह 09.09 तक रहेगा।
आमलकी एकादशी का पौराणिक महत्व
सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु जी ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया था तो उस समय उन्होंने सबसे पहले आंवले के पेड़ को जन्म दिया था। धार्मिक मान्यता है कि आमलकी एकादशी व्रत को करने से जन्म-जन्मांतर के सभी पाप नष्ट होते हैं। आमलकी एकादशी व्रत के अवसर पर आंवले का पेड़ लगाने से भी शुभ फल मिलता है।
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