Gupt Navratri June 2025: 26 जून से शुरू हो चुके हैं गुप्त नवरात्र, जानिए देवी का कौन सा रूप करेगा ग्रह दोष दूर
Gupt Navratri June 2025: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की आज से यानी गुरुवार 26 जून 2025 से शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। इससे ग्रहों की पीड़ा को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं ग्रहों की शांति के लिए नवरात्र के दौरान क्या उपाय करने चाहिए।
Publish Date: Thu, 26 Jun 2025 07:17:01 PM (IST)
Updated Date: Thu, 26 Jun 2025 08:03:13 PM (IST)
Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्र में ग्रहों की पीड़ा होगी दूर।धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज से यानी गुरुवार 26 जून 2025 से आषाढ़ गुप्त नवरात्र (Ashadha Gupt Navratri 2025) की शुरुआत हो चुकी है। साल में आने वाले दो गुप्त नवरात्र के अवसर गुप्त साधना के लिए होते हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्र से अलग इन नवरात्रों में भक्त गुप्त रूप से मां की साधना करते हैं।
इस दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। इससे ग्रहों की पीड़ा को कम किया जा सकता है। हर दिन पूजा के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ, नवार्ण मंत्र का जाप और कुछ उपाय किए जाते हैं। ऐसा करने से ग्रहों की पीड़ा से शांति मिलती है।
आप जिस ग्रह की पीड़ा से परेशान चल रहे हैं, उस ग्रह से संबंधित मां के स्वरूप की आराधना करने से आपको लाभ मिलेगा। हालांकि, आपको इस विषय पर किसी योग्य ज्योतिषी से भी सलाह लेना चाहिए। आइए जानते हैं ग्रहों की शांति के लिए नवरात्र के दौरान क्या उपाय करने चाहिए।
विभिन्न ग्रहों के लिए देवियों की पूजा
- यदि आप सूर्य ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करें।
- यदि आप बुध ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करें।
- यदि आप बृहस्पति ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करें।
- यदि आप शनि ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करें।
- यदि आप राहु ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करें।
- यदि आप केतु ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करें।
- राहु-केतु की पीड़ा से बचने के लिए मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा भी सहायक होती है।
नवार्ण मंत्र का जाप
"ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे" मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस मंत्र के प्रत्येक अक्षर से एक ग्रह जुड़ा हुआ है। रोजाना आपको विषम संख्या जैसे 1, 3, 5 या 7 माला का जाप करना चाहिए।