नईदुनिया, जबलपुर (Ganesh Chaturthi 2024)। आज श्री गणेश चतुर्थी है। आज श्रीगणेश का शुभागमन होगा। संस्कारधानी के सनातनी गृहों में बप्पा विराजमान होंगे। सार्वजनिक पंडालों में भी सजावट को तेजी से पूर्ण किया जाएगा। प्रारंभ में लघु विग्रह का पूजन किया जाएगा। इसके बाद विशालकाय श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। जिनके दर्शन के लिए श्रद्धालु उमड़ने लगेेंगे। श्रीसिद्ध गणेश गौरीघाट सहित अन्य मंदिरों में पूजन होगा।
इस दिन गणेश भगवान के बाल रूप का पूजन किया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि भगवान श्री गणेश प्रथम पूजनीय हैं। गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है।
मान्यता है कि इसी दिन देवी पार्वती ने भगवान गणेश को जन्म दिया था। यह जन्म संसार में होने वाली संतान की तरह नहीं बल्कि देवियों शक्ति के माध्यम दिया गया। गणेश जी का जन्म दोपहर में हुआ था ,इसलिए गणेश चतुर्थी की पूजा हमेशा दोपहर के मुहूर्त में की जाती है। इस साल गणेश चतुर्थी शनिवार को पड़ रही है, अत: न्याय की महत्ता स्थापित होगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी चंद्रमा का दर्शन न करें। यदि आपने इस दिन चंद्रमा का दर्शन कर लिया तो आप पर कलंक या गलत आरोप लग सकता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी को चंद्रमा दर्शन के कारण ही भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक मणि चोरी करने का मिथ्या आरोप लगा था।
शनिवार, 7 सितंबर 2024 को चित्रा एवं स्वाति नक्षत्र और कन्या एवं तुला राशि में किया जाएगा। स्थापना शुभ मुहूर्त प्रातः 6:41 के बाद किया जाएगा। 8:41 से 10:56 तक तुला लग्न एवं शुभ की चौघड़िया में।(प्रातः 9:00 से 10:30 तक राहुकाल रहेगा।)10:56 प्रातः से 3:18 दोपहर तक वृश्चिक एवं धनु लग्न में एवं लाभ, अमृत की चौघड़िया में।शाम 6:38 बजे से रात 8:6 तक शुभ लाभ की चौघड़िया में।