धर्म डेस्क, इंदौर। सनातन धर्म में बसंत पंचमी का त्योहार पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। बसंत पंचमी पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, यह त्योहार माघ माह में पंचमी तिथि को तिथि को मनाई जाती है। इस साल बसंत पंचमी पर्व 14 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि मां सरस्वती की पूजा करने से साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और ज्ञान, बुद्धि, धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यहां जानें बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा से जुड़ी खास बातें।
शिक्षा संबंधी कार्यों में सफलता पाने के लिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की प्रतिमा घर के पूर्व या उत्तर दिशा में रखना चाहिए। ऐसा करने से आपके सभी काम बिना किसी रुकावट के पूरे होने लगेंगे।
अगर घर की पूर्व या उत्तर दिशा में मां सरस्वती की प्रतिमा रखने के लिए उचित स्थान नहीं है तो घर के ईशान कोण की साफ-सफाई करके भी मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करके पूजा अर्चना कर सकते है।
पूजा के दौरान मां सरस्वती की मूर्ति कमल के फूल पर बैठी हुई मुद्रा में होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे शुभ माना जाता है। मां सरस्वती की प्रतिमा कभी भी खड़ी मुद्रा में स्थापित नहीं करना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि एक ही घर में कभी भी दो मूर्तियां भी नहीं रखना चाहिए।
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