Bhadra Masik Durga Ashtami 2023: इस समय शुक्ल पक्ष चल रहा है। शुक्ल पक्ष के हर महीने मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन मां को समर्पित व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि का प्रवेश होता है। विवाहित महिलाएं इस व्रत को करती हैं, तो उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, कुंवारे जातक इस व्रत को करें, तो जल्दी शादी के योग बनते हैं। आइए, जानते हैं कि मासिक दुर्गा अष्टमी कब है और इसका क्या महत्व है।
पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट से शुरू होगी। वहीं, अगले दिन 23 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर यह तिथि समाप्त हो जाएगी। इस प्रकार भाद्रपद महीने की दुर्गाष्टमी का व्रत 23 सितंबर को रखा जाएगा।
दुर्गाष्टमी के दिन जल्दी उठकर, स्नान आदि से निवृत्त होकर मां दुर्गा को प्रणाम करें। हो सके तो गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। घर में भी गंगाजल युक्त पानी का छिड़काव करें। इसके बाद आचमन कर लाल रंग के वस्त्र धारण करें। सूर्यदेव को जल का अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पंचोपचार कर मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करें।
मां दुर्गा को लाल रंग का फूल, फल एवं मिष्ठान अर्पित करें। मां दुर्गा को लाल रंग की चुनरी भी अर्पित करें। पूजा के समय दुर्गा चालीसा का पाठ और मंत्र जाप करें। पूजा के अंत में मां दुर्गा की आरती करें और उनसे प्रार्थना करें। इस दिन उपवास रखें। शाम को आरती कर, फलाहार करें। रात्रि के समय भजन कीर्तन का आयोजन करें। अगले दिन पूजा संपन्न कर, व्रत खोलें।
Ganesh Visarjan 2023: इस दिन मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी, जानिए सही तिथि और गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'