धर्म डेस्क, इंदौर। Bhaum Pradosh 2024: प्रदोष व्रत का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत उस दिन मनाया जाता है, जब त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में व्याप्त होती है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा करते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। इस बार प्रदोष व्रत 4 जून 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा।
मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता है, लेकिन व्रत करने से पहले पूजन सामग्री अवश्य एकत्र कर लें।
लाल या पीला गुलाल, पवित्र जल, दूध, शहद, गंगाजल, कलावा, अक्षत, चिराग, सफेद मिठाई, फल, कनेर का फूल, आसन, फूल, भाग, सफेद चंदन, धतूरा, धागा, बेल पत्र, पंचमेवा, कपूर, घी, नया वस्त्र, धूपबत्ती, शिव चालीसा, शंख, हवन, प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक, घंटा, हवन सामग्री।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 4 जून को दोपहर 12.18 बजे हो रही है। यह तिथि 4 जून को रात 10:01 बजे समाप्त हो जाएगी। पंचांग के अनुसार, इस बार प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा।
इसके अलावा, उनकी पूजा 7.16 बजे से 9.18 बजे के बीच होगी। बता दें, इस दिन पूजा प्रदोष काल में ही करनी चाहिए, इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
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