Chandra Grahan 2020 : July 5 को साल का तीसरा Chandra Grahan लग गया है। एक महीने में लगने वाला ये तीसरा ग्रहण है। इससे पहले एक सूूर्यग्रहण और एक चंद्र ग्रहण लग चुका है। यह चंद्र ग्रहण सुबह 8.37 बजे शुरू हुआ था और यह 11.22 बजे खत्म होने वाला है।
इस साल कुल मिलाकर 6 ग्रहण लगने हैं जिनमें चार चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण हैं। अभी तक जो दो चंद्र ग्रहण लग चुके हैं वे दोनों ही उपछाया चंद्रग्रहण थे। इसके अलावा एक सूर्य ग्रहण भी 21 जून को लग चुका है। इसके बाद 30 नवंबर को साल का चौथा चंद्र ग्रहण होगा। अब 5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भी उपछाया चंद्रग्रहण है। इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग तीन घंटे के आसपास रहेगी। जानिये इस Chandra Grahan के Time, उसके प्रभाव , सूतक काल के बारे में सारी बातें।
भारत में सूतक नहीं होगा मान्य
एक महीने के अंतराल में यह दूसरा चंद्र ग्रहण है। 30 दिनों के अंदर दो या दो से ज्यादा ग्रहण का होना किसी भी दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता। हालांकि आधुनिक विज्ञान इसे एक सामान्य खगोलीय घटना की तरह देखता है पर ज्योतिष विज्ञान की अपनी मान्यता है। 5 जुलाई को यह घटना सूर्य और चंद्रमा के मध्य पृथ्वी के आ जाने पर होगी जिसके कारण चंद्रमा की छवि पृथ्वी की छाया पड़ने के कारण धूमिल होगी। यह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। वर्ष 2020 में 4 उपछाया ग्रहण होंगे, जिसमें उपछाया चंद्रग्रहण पड़ेगा। इन ग्रहणों का भारत में कोई असर नहीं पड़ेगा। 10 जनवरी 2020 को लगा साल का पहला चंद्रग्रहण उपछाया था, जिसका कोई सूतक नहीं था, इसलिए मंदिरों के पट भी बंद नहीं हुए। आमतौर पर ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से ही आरंभ हो जाता है लेकिन यह ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है, इसलिए भारत में इसका सूतक मान्य नहीं होगा।
समय, सूतक और स्थान
यह ग्रहण भारतीय समयानुसार यह ग्रहण सुबह 8 बजकर 36 मिनट पर आरंभ होगा और 11 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। समय की गणना स्थान के अनुसार एक 2 मिनट इधर उधर हो सकता है कहीं पर ग्रहण 8:37 पर कहीं पर 8:38 पर प्रारंभ हो सकता है। ग्रहण की उपछाया स्पर्श 8.37 तक होगा। परमग्रास चंद्र ग्रहण 9:59 पर होगा और उपछाया या अंतिम समय स्पर्श 11:21 पर होगा। यह ग्रहण 2 घंटे 48 मिनट 24 सेकंड तक ग्रहण रहेगा। शास्त्रों के मतानुसार इसकी सूतक काल का प्रभाव भारत पर नहीं होगा पर जो लोग सूतक काल मानते हैं और ग्रहण के समय होने वाली सावधानियों का पालन करना चाहते हैं तो वे अपने इस निर्णय के लिए स्वतंत्र हैं। ग्रहण दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में दिन के समय यूरोप अफ्रीका अफ़गानिस्तान, भूटान, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया चीन आदि देशों में दिखाई देगा। इसके बाद साल का चौथा उपछाया चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा। यह एशिया, आस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। इन सभी उप छाया ग्रहणों में सूतक, नियम आदि नहीं होंगे।
सूतक काल में रखें यह ध्यान
सूतक काल में व्यक्ति को संशय नहीं रखना चाहिए संशय रहित होकर ही कोई कार्य करना चाहिए। सूतक काल के दौरान होने वाली सावधानियों का पालन अवश्य करें अर्थात भोजन, शयन, मैथुन, खान पान, गर्भवती स्त्रियों का फल सब्जी आदि काटना सोना वर्जित है लेकिन अशक्त जन, बूढ़े, रोगी एवं बच्चे आदि खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी या कुशा रखने के बाद इनका सेवन कर सकते हैं।
यहां जानिये चंद्र ग्रहण की कुछ और खास बातें
कहां-कहां दिखाई देगा यह चंद्र ग्रहण, जानिये
ग्रहण के पहले देखें चंद्रमा का बड़ा आकार
5 जुलाई 2020 को Lunar Eclipse लग रहा है लेकिन चंद्र ग्रहण Chandra Grahan से पहले हम आपको Mars के सबसे बड़े चंद्रमा ‘Phobos’ को दिखा रहे हैं। दरअसल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मंगलयान (Mars Orbiter Mission) में लगे 'मार्स कलर कैमरा' (Mars Colour Camera)ने मंगल के सबसे बड़े चंद्रमा 'फोबोस' की तस्वीर ली है। ये तस्वीर एक जुलाई को ली गई, जब मंगलयान मंगल से करीब 7,200 किमी और फोबोस से करीब 4,200 किमी दूर था।
गुरू पूर्णिमा पर्व का यह है दिन, समय और महत्व
श्री गुरू पूर्णिमा पर्व 5-7-20 रविवार --का आप आपने गुरू देव की पूजा-अर्चना अगर प्रात काल सूर्योदय से सुबह 10-13 मिनट तक पूर्णिमा तिथि में करें तो ही श्रेष्ठ है। किसी भी तिथि में ही उपरोक्त पर्व का महत्व ज्यादा होता है। पूर्णिमा तिथि सुबह 10-13 मिनट तक ही है। फिर एकम तिथि लगेगी। श्रावण मास अनुष्ठान व्रत स्नान प्रारंभ की पूर्णिमा, जया पार्वती व्रत पूर्ण की पूर्णिमा, भैरव पूर्णिमा 5-7-20 रविवार को ही है।
गुरू पूर्णिमा की महत्वपूर्ण जानकारी
- आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा श्री व्यास पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा का पर्व भी 5 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा।
- उदयात पूर्णिमा तिथि प्रातःकाल सूर्योदय से 10 :13 मिनट तक रहेगी।
- यह तीर्थ स्नान तर्पण पूजन हवन दान पुण्य गौ सेवा का महापर्व है।
- दिनांक 4-7-2020 शनिवार को पूर्णिमा तिथि दिन के 11-34 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी।
- व्रत की पूर्णिमा, कोकीला व्रत की पूर्णिमा, श्राद्ध की पूर्णिमा शिव शयनोत्सव की पूर्णिमा, सन्यासी चतुर्मास प्रारंभ की पूर्णिमा तिथि 4-7-2020 शनिवार को ही है।
चंद्र ग्रहण को लेकर भ्रमित ना हों, नहीं रहेगा कोई प्रभाव
- इस चंद्र ग्रहण का कोई सूतक नही लगेगा।
- भगवान की पूजा-अर्चना नियमित रूप से होगी।
- मंदिरों के पट मंगल नही होंगे।
- यह कोई चंद्र ग्रहण ही नहीं है। यह तो केवल मान्द्य चंद्र ग्रहण है। मान्द्य चंद्र ग्रहण को शास्त्रों में ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा गया है।
- चंद्र ग्रहण लगने पर सूतक विचार किया जाता है वहीं मान्द्य चंद्र ग्रहण पर सूतक नहीं लगता है ।
- हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मान्द्य चंद ग्रहण पर न तो मंदिरों के पट बंद होते हैं और न ही पूजा करने का कोई दोष है। धार्मिक दृष्टि से इसका कोई महत्व नहीं है।
- मान्द्य चंद्र ग्रहण किसे कहते है । ।मान्द्य का अर्थ दुर्बलता होता है । यह दुर्बल चंद ग्रहण है ।
- आप नियमित रूप से आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को गुरू पूजा व्रत दान व समस्त धार्मिक व नैमेतिक कार्य बिना संकोच से करे । ग्रहण का कोई सूतक यम नियम नही है।
(यह जानकारी इंदौर के प्राचीन हनुमान मंदिर मुकेरीपुरा स्थित पं बद्री प्रसाद जी पुजारी ज्योतिष संस्थान के पुजारी पंडित राजाराम शर्मा ने दी)
राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा
क्योंकि यह ग्रहण आषाढ़ मास की पूर्णिमा को धनु राशि में पड़ रहा है तो मत मतानुसार थोड़े से मतभेद के साथ ज्योतिषियों वैज्ञानिक जनों की विचारधारा यह मानती है की अलग-अलग राशियों पर इस ग्रहण का प्रभाव अलग-अलग होगा। हालांकि कोई भी ग्रहण हो 6 महीने तक उसका प्रभाव बना रहता है ज्यादा या आंशिक रूप से वह देश राशि भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है।
इन राशियों पर शुभ प्रभाव पड़ने की संभावना
मेष, सिंह, कन्या, तुला, मकर और मीन के लिए ग्रहण बहुत अच्छा रहेगा क्योंकि इस समय आकाशीय गणना के अनुसार 6 ग्रह वक्री हैं। यह अत्यंत दुष्कर और अशुभ समय हैं। ऊपर से 3 ग्रहण का योग इसके प्रभाव को कई गुना अधिक कर देता है।
यह है राशिफल
मेष राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ संदेश लेकर आ रहा है। खर्चों में कमी होगी। सरदर्द से बचकर रहें। धन आगमन के योग हैं।
मिथुन राशि वाले अपने कारोबार को आगे बढ़ा सकते हैं। व्यवसाय में फायदा होगा। अपने संबंधों से विशेष फायदा उठाएं। सफलता आपके कदम चूमेगी। आप अपने जितने भी संबंध हैं कार्यक्षेत्र में हो या जीवन में हो या सामाजिक हो या व्यवसायिक हो या राजनीतिक हो। इन संबंधों से विशेष फायदा उठाएं। ठेकेदारी के कार्य हो आपको विशेष लाभ मिल सकता है।
कन्या राशि वालों के लिए भी बहुत अच्छा समय है लोग आपको अच्छी दृष्टि से देखेंगे। अलग-अलग तरीकों से धन आने के योग बन रहे हैं। जमीन से सट्टा बाजार से कॉमेडीटी में शेयर बाजार में कहीं से गुप्त धन आ सकता है। कहीं से गुप्त धन की प्राप्ति हो सकती है कोई रुका हुआ धन जो पिछले कई वर्षों से आपका कोई मतभेद चल रहा है वह दूर होकर प्राप्त हो सकता है। प्रेम संबंधों के लिए भी यह समय अच्छा है। विवाह की बात कर सकते हैं। अर्थात शुभ ही शुभ होने वाला है।
तुला राशि वालों के लिए भी यह ग्रहण शुभ संकेत लेकर आ रहा है। नहीं दृष्टिकोण से समाज को और अपने संबंधों को देखें समाज भी आपको अपने नए दृष्टिकोण से देखेगा व्यवसाय के क्षेत्र में आजीविका के क्षेत्र में पदोन्नति के साथ बदलाव के संकेत दिख रहे हैं समय अच्छा है विचार कर हर एक कार्य को करें शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
मीन, मकर और वृश्चिक के लिए मिले-जुले परिणाम
मकर और वृश्चिक राशि को थोड़े मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे चिंताओं के साथ धन की प्राप्ति के योग हैं। वे अपने महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं। थोड़ा सा सोच विचार कर और सलाह लेकर कार्य करेंगे तोहरे कार्य में सफलता सुनिश्चित मिलेगी ही मिलेगी। रूढ़िवादी ना बनें। खेल के क्षेत्र में भी अपने पराक्रम दिखा सकते हैं। हिस्सेदार बना कर अगर जो किसी के साथ कार्य करना चाहते हैं तो दोनों राशियों के लिए शुभ संकेत है, परंतु कहीं ना कहीं से किसी ना किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है तो हर कदम बहुत विचार करके और सलाह करके ही लें।
मीन राशि वाले अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। परंतु धन प्राप्ति के लिए व्यवसाय में कार्य क्षेत्र में अच्छी कामयाबी मिलने के आसार हैं अपने आसपास अवसर की तलाश प्रभु कृपा से आपके बहुत दिनों से रुके हुए कार्य पूर्ण हो सकते हैं।
ग्रहण के बाद यह करें उपाय
कुछ गोमती चक्र ग्रहण के उपरांत यानी ग्रहण के समाप्त होने के बाद शिव पर अगर और गोमती चक्र चढ़ाएंगे तो श्रेष्ठ रहेगा पर यह ग्रहण रविवार को पड़ रहा है तो सोमवार को यह उपाय करना ज्यादा श्रेष्ठ रहेगा। चावलों का दान करें। बाकी सभी राशियां गेहूं चावल आदि का दान करें। ग्रहण काल में मंत्र का जप करें। मंदिरों के कपाट बंद रहने दें। मन को प्रसन्न रखें। धर्म ग्रंथों का पठन-पाठन करें। भगवान चंद्रमौलेश्वर अघोरी कृपा के स्तोत्र शिव शंकर भोले भंडारी से भारत को विश्व को इस महामारी बीमारी से मुक्त करने की कामना करें यह हमारे समाज और सबके लिए श्रेष्ठ रहेगा।
2025 में दिखेगा पूर्ण चंद्रग्रहण
7 सितंबर 2025 को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। आमतौर पर एक साल में 4 ग्रहण लगते हैं। इनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्रग्रहण होते हैं पर कभी-कभी इससे ज्यादा भी ग्रहण लग जाते हैं। वर्ष 2024 में 3 चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण लगेंगे। यही क्रम 2027 में भी होगा। 2029 में कुल 4 सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण होंगे।
विशेष ध्यान रखने योग्य बात
वैसे तो सभी लोग सूतक मानने या ना मानने के लिए स्वतंत्र हैं परंतु गर्भवती स्त्रियों के लिए विशेष तौर पर सावधानियां जरूर पालन करें।
(ज्योतिषीय आकलन एवं ग्रहण संबंधी जानकारी पंडित बृज मोहन शर्मा गन्नौर सोनीपत के अनुसार)
Posted By: Navodit Saktawat
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