नईदुनिया प्रतिनिधि, ओंकारेश्वर Sawan Month। प्राचीन ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के समुचित प्रबंधन और विकास को लेकर प्रशासन ने प्रबंधन समिति का गठन किया है। इसमें वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। समिति मंदिर की नियमित निगरानी, संचालन, दान संग्रहण की पारदर्शिता, श्रद्धालुओं को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं कानून व्यवस्था कायम रखने का उत्तरदायित्व निभाएंगी।
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में श्री ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। यहां पर ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में बंटे हुए हैं। एक ओंकारेश्वर और दूसरे ममलेश्वर। दोनों मंदिर यहां पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर स्थित हैं। मान्यता है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी करना चाहिए। ऐसा ना करने पर ज्योतिर्लिंग दर्शन का पूर्ण फल नहीं मिलता है। यहां पर ओंकारेश्वर और ममलेश्वर को मिलाकर एक ज्योतिर्लिंग माना गया है।
श्रीममलेश्वर मंदिर खासगी देवी अहिल्याबाई होलकर चैरिटीज ट्रस्ट की संपत्ति है। इसके साथ ही यह पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक भी है। मंदिर की व्यवस्था स्पष्ट नहीं होने के कारण बीते वर्षों में अवैध अतिक्रमण, अनियंत्रित दान संग्रहण और सुविधा, संकट जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हुईं। यही नहीं, ममलेश्वर मंदिर में प्राप्त धन राशि एक ही परिवार में बंटती थी। इन मुद्दों को देखते हुए शासन और प्रशासन ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
समिति में अध्यक्ष कलेक्टर खंडवा रहेंगे। वहीं सदस्यों में आयुक्त इंदौर संभाग एवं पदेन ट्रस्टी खासगी ट्रस्ट प्रतिनिधि, सांसद खंडवा, मांधाता विधायक, अध्यक्ष नगर परिषद ओंकारेश्वर, खासगी ट्रस्ट नामांकित प्रतिनिधि, पुलिस अधीक्षक, अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग इंदौर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पुनासा, जिला कोषालय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार मांधाता, एसडीओए लोक निर्माण विभाग पुनासा, मुख्य नगरपालिका अधिकारी ओंकारेश्वर, कार्यपालन यंत्री विद्युत कंपनी पुनासा, थाना प्रभारी मांधाता, भिलाला पुजारी परिवार से नामांकित प्रतिनिधि को शामिल किया गया है।
समिति गठन के साथ ही मंदिर में दान पेटी भी रखवाई जा चुकी है। दान में प्राप्त राशि को एक अधिकृत बैंक खाते में जमाकर उसका उपयोग मंदिर विकास एवं जनसुविधाओं के लिए किया जाएगा। यह प्रक्रिया दान संग्रहण में पारदर्शिता और जनहित को प्राथमिकता देगी।
श्रावण माह में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है। सिंहस्थ 2028 की तैयारी भी जारी है। इसलिए ममलेश्वर मंदिर के लिए समिति गठन कर व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित किया गया है। दान राशि अब बैंक में जमा होगी और उस राशि से मंदिर परिसर का विकास किया जाएगा। ओंकारेश्वर मंदिर की तरह यहां भी श्रद्धालुओं को आनलाइन सुविधाएं मिल सकेंगी। - शिवम प्रजापति, एसडीएम पुनासा