धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धनतेरस (Dhanteras 2025) दीपावली का पहला और महत्वपूर्ण पर्व है। इसे कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है और सोने-चांदी से बने आभूषणों व बर्तनों की खरीदारी को शुभ माना जाता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। उन्हें आयुर्वेद का जनक कहा जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य, दीर्घायु और समृद्धि की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि धनतेरस पर दीपदान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति आती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12:18 बजे आरंभ होकर 19 अक्टूबर को दोपहर 1:51 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार Dhanteras 2025 Date होगी – 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार)।
प्रदोष काल यानी संध्याकाल में पूजा करना सबसे शुभ माना गया है। इस वर्ष धनतेरस पर पूजन का समय शाम 7:16 बजे से 8:20 बजे तक रहेगा। इसी समय भगवान धन्वंतरि की पूजा और दीपदान करना श्रेष्ठ होगा।
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