मल्टीमीडिया डेस्क। दिपावली पर्व हिंदूओं का सबसे बड़ा त्यौहार होता है। यह पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है, जो धनतेरस से प्रारंभ होता है और भाईदूज तक चलता है। दिपावली को दीपपर्व माना जाता है। इस दिन धन की देवी महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिपावली पर्व की तैयारी काफी दिनों पहले प्रारंभ हो जाती है।
देवी लक्ष्मी की एक बहन और है, जो उनसे बड़ी है। हर कोई चाहता है देवी लक्ष्मी उसके यहां स्थाई रूप से निवास करें, लेकिन देवी की बड़ी बहन की आराधना कोई नहीं करता, न ही कोई चाहता है कि उनके घर में निवास करें। देवी की इस बड़ी बहन का ज्येष्ठा है, लेकिन उनका दरिद्रा नाम प्रचलन में है। इनको अलक्ष्मी के नाम से भी पुकारा जाता है। इनके नाम का कोई स्मरण भी नहीं करना चाहता है। इनके पास दुनिया के तमाम सारे दुर्गुणों का भंडार है। इसलिए आमजन इनसे दूरी बनाकर रहता है और इनकी भूल से भी आराधना नहीं करता है। अलक्ष्मी को आलस्य, गरीबी, दुख, कुरूपता, पापकर्म और अशुभ घटनाओं से जोड़ा गया है। इन्ही अवगुणों के कारण इनको दुर्भाग्य की देवी भी कहा जाता है।
दरिद्रा की उत्पत्ति
धर्मशास्त्रों के मुताबिक दरिद्रा की उत्पत्ति भी देवी लक्ष्मी की तरह समुद्रमंथन से हुई थी। शास्त्रोक्त मान्यता के अनुसार समुद्रमंथन में सबसे पहले कालकूट नाम का विष निकला था। जिसको महादेव ने अपने कंठ में धारण कर लिया था। इसके बाद देवी महालक्ष्मी के साथ दरिद्रा प्रकट हुई। देवी दरिद्रा धन की देवी महालक्ष्मी के साथ में थी, लेकिन दोनों एकदूसरे की ओर पीठ करके बैठी थी। इसी कारण देवी महालक्ष्मी धन और सुख-समृद्धि की देवी बनकर जगतकल्याण करने वाली हुई और हर कोई उनके आगमन की कामना करता है। जबकि दरिद्रा से हर कोई दूरी बनाकर रहना चाहता है।
देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू है, जबकि दरिद्रा का वाहन कौआ है। कहीं पर उनका वाहन गधा भी बताया गया है। कल्की पुराण में इनका उल्लेख किया गया है। अलक्ष्मी के बड़े-बड़े पैर हैं, बड़े-बड़े दांत है और आँखें अन्दर धंसी हुई है| कहा जाता है कि ये नास्तिक और पापियों के घर में निवास करती हैं। एक अन्य मान्यता के अनुसार अलक्ष्मी प्रजापति दक्ष के पीठ से प्रकट हुई और माँ लक्ष्मी उनके चेहरे से प्रगट हुई। यह भी कहा जाता है कि वासुकी नाग के मुख से जो ज़हर गिरा उससे अलक्ष्मी की उत्पत्ति हुई| अलक्ष्मी को यमराज की पत्नी भी माना जाता है और कहा जाता है कि अलक्ष्मी के पीछे पीछे यमराज चलते हैं|
अलक्ष्मी की शादी
मान्यता के अनुसार अलक्ष्मी से एक ऋषि ने शादी कर ली थी और जब वे उनको अपने आश्रम में लेकर गए तो उन्होंने वहां पर रुकने से इंकार कर दिया और कहा कि वह वहां पर निवास करती है जहां गंदगी, कलह और अधर्म का राज हो।