Ekadashi Vrat: 1 साल में कितनी बार आती है एकादशी? जानें उनके नाम और विशेषताएं
Ekadashi Vrat Name: मान्यता है कि एकादशी व्रत का पालन करने से साधक को सुख-शांति, मानसिक और शारीरिक शुद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं एकादशी से जुड़ी मुख्य बातें और वर्ष में कितनी बार यह तिथि आती है।
Publish Date: Sat, 15 Nov 2025 08:04:12 AM (IST)
Updated Date: Sat, 15 Nov 2025 08:04:12 AM (IST)
Ekadashi: एकादशी का महत्व।धर्म डेस्क। एकादशी हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तिथियों में से एक मानी जाती है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व बताया गया है।
मान्यता है कि एकादशी व्रत का पालन करने से साधक को सुख-शांति, मानसिक और शारीरिक शुद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं एकादशी से जुड़ी मुख्य बातें और वर्ष में कितनी बार यह तिथि आती है।
एक साल में कितनी बार आती है एकादशी?
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने दो एकादशी पड़ती हैं- एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। इस प्रकार एक वर्ष में कुल 24 एकादशी आती हैं। यदि अधिमास (मलमास) हो जाए तो एकादशी की संख्या 26 भी हो सकती है।
एकादशी की प्रमुख तिथियाँ (Important Ekadashi Dates)
1. निर्जला एकादशी
- यह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में आती है।
- इसे वर्ष की सबसे कठिन और महत्वपूर्ण एकादशी माना जाता है क्योंकि इस दिन निर्जला (बिना पानी) व्रत रखा जाता है।
2. देवशयनी एकादशी
- आषाढ़ शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है।
- इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा में प्रवेश करते हैं।
- इसके साथ ही चातुर्मास की शुरुआत होती है।
3. देवउठनी एकादशी
- कार्तिक शुक्ल पक्ष की यह एकादशी विष्णु भगवान के योगनिद्रा से जागने का दिन दर्शाती है।
- इसी दिन से शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत मानी जाती है।
4. मोक्षदा एकादशी
- यह एकादशी मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष में आती है।
- इस तिथि को व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
एकादशी व्रत का महत्व (Significance of Ekadashi)
धार्मिक मान्यताओं में एकादशी व्रत का विशेष स्थान है। कहा जाता है कि इस व्रत से पापों का नाश होता है। व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। भक्त इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, मंत्र-जप, कथा श्रवण और भजन-कीर्तन करते हैं। यह व्रत वैकुंठ धाम की प्राप्ति का मार्ग भी माना जाता है।