बुधवार को गणेश चतुर्थी, बन रहे रवि, स्वार्थ सिद्धि व लक्ष्मीनारायण योग
मान्यता है कि बुधवार को गणपति पूजन करने से व्यापार, व्यवसाय में सफलता मिलती है। विद्यार्थी, व्यापारी और नया कार्य प्रारंभ करने वालों के लिए बहुत फलदाई होता है। गणपतिजी को बुध ग्रह का स्वामी माना गया है। इसलिए चतुर्थी पर उनका पूजन करने से बुध दोष भी शांत होगा।
Publish Date: Thu, 21 Aug 2025 07:08:32 PM (IST)
Updated Date: Thu, 21 Aug 2025 07:15:19 PM (IST)
गणेशोत्सव।HighLights
- इस दिन कई शुभ योग में रवि, स्वार्थ सिद्धि और लक्ष्मी नारायण जैसे शुभ योग बन रहे है।
- गणेशजी का पूजन करने से धन, नौकरी और व्यापार में लाभ, खुशहाली का संचार होगा।
- ज्योतिषियों के अनुसार सभी राशि वालों के लिए यह पर्व उत्तम फलदाई सिद्ध साबित होगा।
नईदुनिया प्रतिनिधि, श्योपुर। इस साल गणेशोत्सव 27 अगस्त से शुरू होगा। इस बार बुधवार को गणेश चतुर्थी होने से यह तिथि और अधिक मंगलकारी हो गई है। इस दिन कई शुभ योग में रवि, स्वार्थ सिद्धि और लक्ष्मी नारायण जैसे शुभ योग बन रहे है। ज्योतिषियों के अनुसार इन शुभ योग पर गणेशजी का पूजन करने से धन, नौकरी और व्यापार में लाभ होने के साथ परिवार में खुशहाली का संचार होगा। सभी राशि वालों के लिए यह पर्व उत्तम फलदाई सिद्ध साबित होगा। मान्यता है कि बुधवार को गणपति पूजन करने से व्यापार, व्यवसाय में सफलता मिलती है। विद्यार्थी, व्यापारी और नया कार्य प्रारंभ करने वालों के लिए बहुत फलदाई होता है। गणपतिजी को बुध ग्रह का स्वामी माना गया है। इसलिए चतुर्थी पर उनका पूजन करने से बुध दोष भी शांत होगा।
शहर के टोड़ी बाजार स्थित गणेशजी मंदिर पर रंग रोगन व सफाई कार्य शुरू हो गया है। जिसके चलते भव्य सजावट व मेला कार्यक्रम आयोजित होगा। शहर के सभी मंदिरों पर गणेश वंदना व प्रसाद वितरण कार्यक्रम होंगे। ओमप्रकाश शर्मा शास्त्री ने बताया कि बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, गणित, व्यापार और तर्कशक्ति का कारक है।
बुधवार को गणेश चतुर्थी होने व पूजन करने से बुद्ध दोष दूर होते हैं और व्यक्ति को निर्णय लेने की क्षमता व व्यापारिक सफलता मिलती है। इस दिन व्रत रखने और पूजन करने से छात्रों को पढ़ाई लिखाई में लाभ मिलेगा। व्यापारियों को स्थिरता प्राप्त होगी। 21 दूर्वा और मोदक चढ़ाने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होगी। पर्व काल में पूरे 10 दिन सूर्य और केतु की युति बनेगी। जो तुला एवं कुंभ राशि वालों जातकों के लिए बेहद फायदेमंद रहेगी। इस दौरान चंद्रमा और मंगल की युति से लक्ष्मी योग भी रहेगा।
भाद्रपद की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे होगी। समापन 27 अगस्त को दोपहर 3:44 बजे होगा। पंचांग के हिसाब से गणेश चतुर्थी पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा और इसी दिन गणेश स्थापना की जाएगी। मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म दोपहर को हुआ था इसलिए इस समय उनकी स्थापना का समय सबसे उत्तम माना जाता है। स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:10 से दोपहर 1:45 बजे तक श्रेष्ठ रहेगा।