Good Friday 2020: गुड फ्राइडे ईसाई लोगों के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। यह पर्व शुक्रवार को मनाया जाता है। ईसाई धर्म को मानने वाले लोग इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाते हैं। क्योंकि इस दिन प्रभु ईसा मसीह को काफी शारीरिक यातना देकर सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए इस दिन को उनकी याद में शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को होली डे, ब्लैक डे, ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है।
यूहन्ना से ली ती ईसा मसीह ने दीक्षा
बाइबिल के अनुसार ईसा मसीह का माता मरियम गलीलिया राज्य के नाज़रेथ गाँव की रहने वाली थीं। माता मरियम की सगाई युसूफ नामक युवक से हुई थी, लेकिन विवाह से पहले वह ईश्वरीय प्रभाव से गर्भवती हो गईं थी। युसूफ ने इसको ईश्वर की कृपा मानते हुए उनको स्वीकार कर लिया। विवाह के बाद वह गलीलिया छोड़कर यहूदिया प्रांत के बेथलेहेम में रहने लगे। बेथलेहेम में शिशु ईसा का जन्म हुआ।
युसूफ और मरियम दोनों राजा हेरोद के अत्याचार से बचने के लिए शिशु ईसा को लेकर मिस्र चले गए। ईसा का जन्म संभवत: छह ईस्वी पूर्व का माना जाता है। ईसा ने 30 साल की उम्र में यूहन्ना से दीक्षा ली और लोगों को उपदेश देने लगे। कहा जाता है कि यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा ने लोगों को मानवता,एकता और अहिंसा का उपदेश देना प्रारंभ किया, तो लोगों ने उनको ईश्वर मानना प्रारंभ कर दिया, लेकिन कुछ रुढ़िवादी लोग उनके समाज सुधारक छवि से चिढ़ने लगे।
सूली पर चढ़ाया प्रभु यीशु को
आम लोगों के बीच बढ़ती लोकप्रियता को देखकर समाज का एक तबका जो आडंबर और कर्मकांड पर विश्वास रखता था और धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाता था उनसे नफरत करता था। उन लोगों ने ईसा की शिकायत रोम के शासक पिलातुस से की। उन्होंने कहा कि खुद को ईश्वर का पुत्र बताने वाला यह युवक पाखंडी है और ईश्वर राज की बातें करता है।
ईसा की शिकायत मिलने पर उनके ऊपर धर्म की अवमानना के साथ राजद्रोह का आरोप लगाया गया और ईसा को क्रूज पर मृत्यु दंड देने की सजा सुनाई गई। ईसा मसीह को कोड़े से मारते हुए उस जगह पर ले गए जहां पर उनको सूली पर लटकाना था। ईसा मसीह को कांटो का ताज पहनाया गया और उसके बाद सूली पर लटका दिया गया। उनको गोलगोथा नामक जगह पर सूली पर चढ़ाया गया था।
गुड फ्रायडे के दिन ईसा मसीह ने अपने भक्तों के लिए बलिदान देकर त्याग की मिसाल कायम की थी। इसलिए इस दिन को इंसानियत की राह पर चलने और मानवमात्र के लिए त्याग करने का दिन माना जाता है। ईसाई अनुयायी इस पर्व को अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। कोई 40 दिनों तक उपवास करता है तो कोई केवल शुक्रवार को व्रत रखकर प्रार्थना करता है। इसलिए गुड फ्रायडे को क्षमा और मानवता को याद करने वाला दिन माना जाता है।
गुड फ्रायडे एक ऐसा दिन जब ईसा मसीह ने अपने भक्तों के लिए बलिदान देकर निःस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया। ईसा मसीह ने विरोध और यातनाएँ सहते हुए अपने प्राण त्याग दिए उन्हीं की आराधना और वचनों के माध्यम से इंसानियत की राह पर चलने का ज्ञान देने वाला दिन है गुड फ्राइडे।