धर्म डेस्क। गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है, दीपावली के अगले दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा का स्मरण किया जाता है। यह पर्व प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का भी प्रतीक है।
इस बार गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि पूजन में किसी चीज की कमी न हो, तो अभी से पूजन सामग्री की तैयारी शुरू कर दें। यहां हम आपके लिए गोवर्धन पूजा की संपूर्ण सामग्री लिस्ट लेकर आए हैं।
गोबर - गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाने के लिए
मिट्टी के दीपक (दीये) - पूजा व दीपदान के लिए
घी - दीप जलाने और हवन सामग्री में
रुई या बाती - दीपक की बाती के लिए
गंगाजल या शुद्ध जल - छिड़काव और आचमन हेतु
आम के पत्ते - कलश की सजावट के लिए
नारियल - कलश पर स्थापित करने हेतु
सुपारी - कलश एवं पूजन सामग्री में उपयोगी
सिक्के या मुद्रा - समृद्धि का प्रतीक
कच्चा चावल
गेहूं
दूध, दही, घी
गुड़ और मिश्री
फल - जैसे केला, सेब, अनार
सूखे मेवे - काजू, बादाम, किशमिश आदि
मिठाइयाँ - लड्डू, पेड़ा, खीर आदि
56 भोग की विविध सामग्री - जितना संभव हो उतना भोग तैयार करें
लाल कपड़ा - पूजन स्थान पर बिछाने हेतु
पंचामृत - दूध, दही, घी, शहद, शक्कर से बना मिश्रण
कपूर - आरती में उपयोग के लिए
अगरबत्ती / धूपबत्ती
पुष्प (गेंदे के फूल)
फूलों की माला
तुलसी पत्र - श्रीकृष्ण को अर्पण हेतु
रोली, हल्दी, अक्षत (चावल)
पान के पत्ते और लौंग - पूजा और आरती में
घंटा या घंटी - पूजन के दौरान उपयोगी
रंगोली के रंग या फूलों की पंखुड़ियां
मिट्टी या धातु के दीपक (कम से कम 21)
दीपदान थाली
बंदनवार (आम या अशोक पत्रों से बनी) - दरवाजों की सजावट के लिए
गाय के लिए चारा / हरा चारा
कलश - पूजा के लिए
मिठाई, फल, दूध, दही, चावल, गुड़ आदि - जो पूजा और भोग दोनों के लिए जरूरी हैं
तारीख - 22 अक्टूबर 2025, बुधवार
कारण - अमावस्या तिथि दो दिन होने के कारण इस बार गोवर्धन पूजा बुधवार को होगी
यह पूजा श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में की जाती है और यह प्रकृति के प्रति श्रद्धा का पर्व है