नईदुनिया प्रतिनिधि, नलखेड़ा। गुप्त नवरात्रि के पहले दिन विश्वप्रसिद्ध मां बगलामुखी शक्तिपीठ में भक्ति और श्रद्धा की गूंज सुनाई दी। गुरुवार को मंदिर में हजारों श्रद्धालु दर्शन और हवन-पूजन के लिए पहुंचे। मां पीतांबरा के दरबार को भव्य फूलमालाओं और पीतवर्णी वस्त्रों से सजाया गया था, जो भक्तों को मंत्रमुग्ध कर रहा था।
सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी थी। जैसे-जैसे दिन चढ़ा, दोपहर बाद लंबी कतारों में श्रद्धालु माता के जयकारों के साथ दर्शन के लिए आगे बढ़ते रहे। शाम होते-होते मंदिर परिसर भक्ति-भाव और मंत्रोच्चार से गुंजायमान हो उठा।
गुप्त नवरात्र में मां बगलामुखी की साधना का विशेष महत्व है। इस दौरान यहां विशेष हवन-अनुष्ठान, मंत्र जाप, तप और यज्ञ किए जाते हैं। मंदिर के पुजारियों के अनुसार, गुप्त नवरात्र में की गई पूजा अत्यंत फलदायक मानी जाती है, विशेषकर तंत्र और शक्ति उपासकों के लिए। यही कारण है कि देश के विभिन्न हिस्सों से साधक यहां पहुंचते हैं। इनमें न सिर्फ आम श्रद्धालु, बल्कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के कई नेता और उनके परिजन भी शामिल होते हैं, जो गुप्त रूप से हवन-पूजन अनुष्ठान करवाते हैं।
यज्ञशाला में सुबह से लेकर रात तक हवन की आहुतियां दी जाती रहीं। कई भक्तों ने अपने नाम से विशेष अनुष्ठान बुक कराए। मंत्रोच्चार की दिव्य ध्वनि और धूप-दीप की खुशबू ने मंदिर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
मां बगलामुखी के भक्त मानते हैं कि यहां की गई आराधना से शत्रु बाधा, न्यायिक मामलों में सफलता और मन की सिद्धि प्राप्त होती है। यही कारण है कि यह शक्तिपीठ तांत्रिकों और राजनेताओं दोनों के बीच खासा लोकप्रिय है।
गुरुवार को मां का विशेष श्रृंगार किया गया था। पीले वस्त्र, स्वर्ण आभूषण और फूलों से सजी मूर्ति ने हर भक्त को भाव-विभोर कर दिया। प्रातःकालीन और संध्याकालीन आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। पूरे मंदिर परिसर में सुरक्षा और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की गई थी। स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग किया।