नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन (Gupt Navratri 2025)। देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ उज्जैन स्थित हरसिद्धि माता मंदिर में 26 जून से गुप्त नवरात्र की शुरुआत होगी। नौ दिन देवी का विशेष अभिषेक, पूजन तथा नितनया श्रृंगार होगा।
शाम 7 बजे दीपमालिका प्रज्वलित की जाएगी। देशभर से आए साधक संकल्प पूजन के बाद नगर में गुप्त साधना करेंगे। गुप्त नवरात्र में तंत्र, मंत्र तथा यंत्र की सिद्धि के लिए गुप्त साधना की जाती है।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया कि उज्जैन वैदिक तंत्र, मंत्र व यंत्र की सिद्धि के लिए उर्वरा भूमि है। यहां दक्षिणेश्वर महाकाल, शक्तिपीठ हरसिद्धि तथा अष्ट भैरव विराजमान है। वैदिक तंत्र की साधना के लिए यह महत्वपूर्ण है।
इस भूमि पर की गई साधना शीघ्र फलित होती है। साधना की सिद्धि के लिए गुप्त नवरात्र विशेष माने गए हैं। इसलिए देशभर के साधक यहां साधना करने आते हैं।
श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के अनुसार, वर्षभर में चार नवरात्र विशेष माने गए हैं। इनमें दो गुप्त व दो प्राकट्य नवरात्र हैं। चैत्र व अश्विन मास की नवरात्र प्राकट्य नवरात्र कही गई हैं। जबकि माघ व आषाढ़ की नवरात्र गुप्त नवरात्र है। देवी आराधना के इन पर्व कालों में शक्ति के उपासक गुप्त व प्राकट्य साधना व अराधना करते हैं।
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र 26 जून को शुरू होगी तथा 4 जुलाई को समापन होगा। इस बार गुप्त नवरात्र पूरे नौ दिन की रहेगी। इसमें तीन सर्वार्थसिद्धि तथा पांच रवि योग का महासंयोग रहेगा। विशिष्ट योगों में देवी दुर्गा की आराधना मनोवांछित फल प्रदान करने वाली मानी गई है।