Gupt Navratri June 2025: 26 जून से शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Gupt Navratri June 2025: गुप्त नवरात्रि आषाढ़ शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 26 जून गुरुवार से शुरू होंगी। आर्द्रा नक्षत्र, ध्रुव व सर्वार्थ सिद्धि योग में गुप्त नवरात्रि कलश स्थापना के साथ आरंभ होंगी। चार जुलाई शुक्रवार को नवरात्र का समापन होगा।
By Himadri Hada
Edited By: Himadri Hada
Publish Date: Tue, 17 Jun 2025 11:10:04 AM (IST)
Updated Date: Tue, 17 Jun 2025 01:54:58 PM (IST)
Gupt Navratri June 2025: सर्वार्थ सिद्धि योग में करें मां दुर्गा की साधना।HighLights
- 26 जून 2025 से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि।
- दुर्गा सप्तशती से मिलेगी अद्भुत शक्ति।
- दस महाविद्याओं की पूजा से सिद्धि प्राप्ति।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। Gupt Navratri June 2025: गुप्त नवरात्रि 2025 की शुरुआत इस बार 26 जून (बुधवार) को आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से हो रही है। खास बात यह है कि यह पर्व आर्द्रा नक्षत्र, ध्रुव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ संयोग में प्रारंभ होगा, जो साधना और आराधना के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। गुप्त नवरात्रि का समापन 4 जुलाई (गुरुवार) को होगा। इन नौ दिनों में साधक मां दुर्गा के दुर्लभ और गुप्त स्वरूपों की साधना करते हैं। इस दौरान कलश स्थापना, दुर्गा सप्तशती, दस महाविद्याओं की पूजा और विशेष मंत्रों का जाप करने से चमत्कारी फल मिलते हैं। आषाढ़ मास को वर्षा प्रधान और शक्ति पूजन के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना
गुप्त नवरात्रि को तांत्रिक साधनाओं का प्रमुख काल माना जाता है। इस दौरान दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है:
- महाकाली
- तारा
- त्रिपुरसुंदरी
- भुवनेश्वरी
- छिन्नमस्ता
- भैरवी
- धूमावती
- बगलामुखी
- मातंगी
- कमला
इनकी साधना से साधकों को अद्वितीय शक्ति, सिद्धियाँ और आत्मबल प्राप्त होता है।
गुप्त नवरात्रि पूजा विधि (Gupt Navratri Puja Vidhi)
- घर के उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में एक साफ चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
- उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- कलश स्थापना करें। कलश पर मौली बाँधें, उस पर नारियल रखें, और भीतर गंगाजल, बताशे, सुपारी, हल्दी की गांठ, दूर्वा डालें।
- कलश के चारों ओर आम या अशोक के 7 या 11 पत्ते सजाएं।
- चावल के ढेर पर गणेश जी, नवग्रह और कुलदेवी की प्रतीकात्मक स्थापना करें।
- प्रतिदिन धूप, दीप, फूल, प्रसाद और आरती अर्पित करें।
- रोजाना दुर्गा सप्तशती, देवी कवच, अर्गला स्तोत्र, कीलक स्तोत्र और देवी के 32 नामों का जाप करें।
- पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके, ऊन या कुशा के आसन पर बैठकर पूजा करें।
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) - 26 जून 2025
- प्रतिपदा प्रारंभ: 25 जून दोपहर 4:02 बजे से
- समाप्ति: 26 जून दोपहर 12:05 बजे तक
- कलश स्थापना मुहूर्त: सुबह 5:02 से 5:45 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:25 से 12:20 बजे तक
- लाभ और अमृत मुहूर्त: 11:52 से 3:38 बजे तक