धर्म डेस्क। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर साल भव्यता के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है, जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह पर्व 15 अगस्त, 2025 को मनाया जाएगा। कहते हैं कि इस दिन (Krishna Janmashtami 2025) व्रत करने और पूजा-पाठ करने से सभी कष्टों का अंत होता है। इसके साथ ही जीवन में शुभता आती है। आइए जानते हैं ऐसे उपाय जो आप जन्माष्टमी पर कर सकते हैं...
तुलसी की माला - रात में भगवान कृष्ण का शृंगार करें और उन्हें तुलसी की माला अर्पित करें। इसके बाद, तुलसी के पौधे के सामने 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से कारोबार में वृद्धि होगी।
माखन-मिश्री भोग - रात 12 बजे भगवान कृष्ण के जन्म के बाद उन्हें माखन-मिश्री का भोग लगाएं। इस उपाय को करने से रिश्ते मधुर होते हैं। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है।
मोर पंख - भगवान कृष्ण को मोर पंख बहुत प्रिय है। ऐसे में जन्माष्टमी की रात, मोर पंख को अपने घर के प्रमुख स्थानों पर रखें। इससे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसके साथ ही तरक्की होती है।
शंख - रात में भगवान कृष्ण की पूजा करते समय शंख बजाएं। शंख की ध्वनि से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। पूजा के बाद इस शंख को अपनी दुकान या दफ्तर में रखें। ऐसा करने से व्यापार में वृद्धि होती है।
गीता का पाठ - जन्माष्टमी की रात को भगवान कृष्ण के सामने बैठकर भगवत गीता के 11वें अध्याय का पाठ करें। इस अध्याय में भगवान ने अपने विराट स्वरूप का वर्णन किया है। ऐसा करने से जीवन में सफलता और मान-सम्मान बढ़ता है।
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गाय की सेवा - रात में व्रत खोलने के बाद किसी गाय को हरा चारा खिलाएं। गाय की सेवा करने से भगवान कृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं, जिससे जीवन में मान-सम्मान और यश बढ़ता है।
पीपल के पेड़ की पूजा - रात में पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं। पीपल में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गरीबों को दान - जन्माष्टमी की रात गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें। दान-पुण्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।