नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर में आज आध्यात्म और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा जब भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा 42 फीट ऊंचे फूलों से सुसज्जित हाइड्रोलिक रथ पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। यह रथयात्रा इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ) के तत्वाधान में पुरी की तर्ज पर पांच जुलाई, शनिवार को शाम 4 बजे जीवाजी क्लब से आरंभ होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधान सभाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और साध्वी मां कनकेश्वरी मिलकर सोने की झाड़ू से रथ मार्ग की सफाई करेंगे और फिर रथ को अपने हाथों से खींचकर रवाना करेंगे। रथ यात्रा के संयोजक देवेंद्र प्रताप सिंह रामू और महेंद्र प्रभु ने शुक्रवार को जानकारी दी कि यह नगर की पांचवीं रथयात्रा होगी और अब यह स्थानीय परंपरा और पहचान बन चुकी है।
रथ यात्रा में इस्कॉन से जुड़े अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम सहित छह देशों के श्रद्धालु भाग लेंगे। रास कीर्तन इस रथयात्रा का प्रमुख आकर्षण होगा और भक्त "हरे कृष्णा" कीर्तन पर नृत्य करते हुए यात्रा में शामिल होंगे।
रथयात्रा जीवाजी क्लब से शुरू होकर सनातन धर्म मंदिर मार्ग, जयेंद्रगंज चौराहा, दाल बाजार, नया बाजार, लोहिया बाजार, ऊंट पुल, पाटनकर बाजार, दौलतगंज, महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, गश्त का ताजिया, नई सड़क, हनुमान चौराहा और अंत में लक्ष्मीगंज स्थित गोयल वाटिका में विसर्जित होगी।
रथ को खींचने के लिए दोनों तरफ 100-100 फीट लंबी रस्सियां लगाई गई हैं, जिससे श्रद्धालु भगवान के रथ को अपने हाथों से खींचकर पुण्य लाभ कमा सकें। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
रथयात्रा के विसर्जन स्थल पर 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है। जगह-जगह पुष्प वर्षा, भजन-कीर्तन और श्रृंगारित स्वागत द्वार रथयात्रा को अत्यंत भव्य और दिव्य बनाएंगे।
मदन बाथम और धर्मेंद्र तोमर बिट्टू जैसे श्रद्धालुओं का कहना है कि "जो लोग पुरी नहीं जा पाते, वे यहीं भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर भाव-विभोर हो जाते हैं।"