नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया पर शुक्रवार को शहर में दो स्थानों से रथ यात्रा निकली। महाकालपुरी भगवान जगन्नाथ के जयकारों से गुंजायमान हो उठी। आगर रोड स्थित कृषि उपज मंडी चौराहा से निकली इस्कान मंदिर की रथ यात्रा में धर्म, संस्कृति के रंग नजर आए, जबकि कार्तिक चौक स्थित जगदीश मंदिर से निकली खाती समाज की रथ यात्रा में सामाजिक एकजुटता दिखाई दी। शहर में एक निकली एक साथ दो रथ यात्रा से नए,पुराने शहर में जगन्नाथपुरी जैसा दृश्य नजर आया।
कृषि उपज मंडी चौराहा से निकली इस्कान मंदिर की रथ यात्रा में भगवान बलभद्र, सुभद्रा व जगन्नाथ अलग-अलग रथ पर सवार थे। राज्यसभा सदस्य संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज, निगम सभापति कलावती यादव ने भगवान की पूजा अर्चना कर सोने की झाड़ू से मार्ग की सफाई कर यात्रा का शुभारंभ किया। पीआरओ राघव पंडित दास प्रभु ने बताया इसके बाद झांझ, डमरू की मंगल ध्वनि के साथ भाव विभोर भक्त रस्सियों के सहारे भगवान जगन्नाथ का रथ खींचते हुए कालिदास अकादमी में बसी गुंडिचा नगरी लेकर पहुंचे।
किलो मीटर लंबे यात्रा मार्ग पर पांच घंटे तक भक्ति का उल्लास छाया रहा। आह्लादित भक्त हरे रामा, हरे कृष्णा महामंत्र पर नृत्य करते हुए निकले। भगवान राधा, कृष्ण के रूप में युवतियां आस्था का केंद्र रही। जनजातीय कलाकारों ने लोकसंस्कृति की छटा बिखेरी।
कार्तिक चौक स्थित जगदीश मंदिर से निकली रथ यात्रा में देशभर से खाती समाजजन शामिल हुए। सुबह अभिषेक,पूजन के बाद भगवान बलभद्र, सुभद्रा व जगन्नाथ को रथ में विराजित किया गया। पश्चात पारंपरिक यात्रा का शुभारंभ हुआ। पुराने शहर के प्रमुख मार्गों से भ्रमण के पश्चात यात्रा पुन: जगदीश मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई।