Jyestha Purnima 2023: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। धार्मिक दृष्टि ज्येष्ठ पूर्णिमा का खासा महत्व है। यह पूर्णिमा 4 जून को पड़ रही है। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा दो दिन पड़ रही है। एक दिन व्रत रखा जाएगा और दूसरे दिन स्नान व दान आदि किया जाएगा। ज्येष्ठ पूर्णिमा को धार्मिक कार्य, पूजा अनुष्ठान, व्रत व दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य डा. सतीश सोनी के मुताबिक इस दिन सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत भी रखती हैं। यह व्रत महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु के लिए राती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। साथ ही ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से मनुष्यों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हम इस खबर में बता रहे हैं कि ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व क्या है और तिथि व शुभ मुहूर्त क्या हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2023 में दो दिन की पड़ रही है। यानी कि ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 3 जून को रखा जाएगा और स्नान और दान 4 जून को किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 3 जून को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर आरंभ होगी और उसका समापन 4 जून को होगा। चूंकि पूर्णिमा तिथि चंद्र द्रेव को समर्पित होती है इसलिए इसकी पूजा भी चंद्रोदय की गणना के अनुसार होती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान के साथ ही इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्र देव के साथ ही मां लक्ष्मी की आराधना भी की जाती है। रात्रि में चंद्रमा को दूध से अर्घ्य देने से आपके घर में धन धान्य की वृद्धि होती है और हर प्रकार के रोगों से राहत मिलती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। वहीं शाम के पहर में मां लक्ष्मी और रात को चंद्र देव की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु की पीले फूल, फल और पीले चावल के साथ विधि विधान से पूजा करें। उसके बाद शाम को मां लक्ष्मी की पूजा करके केसर की खीर का भोग लगाएं। रात को इस चंद्र देव को दूध से अर्घ्य देना चाहिए और दीपक जलाना चाहिए। इस दिन महिलाएं बरगर के पेड़ की पूजा भी करती हैं और उसके चारों ओर परिक्रमा करके कलावा बांधती हैं। इस दिन ब्राह्माणों को भोजन और वस्त्र का दान करना चाहिए।
- ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ की पूजा का महत्व माना जाता है। इस दिन एक लोटे में पानी भर कर कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करने से अटका हुआ धन वापस आ जाता है।
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी को साथ में सुबह के समय शिवलिंग पर दूध चढ़ाना चाहिए और शाम के समय चंद्र को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन की कैसे भी समस्या दूर हो जाती है।
- घर के आसपास कोई कुआं हो तो उसमें एक चम्मच दूध और 1 रुपए का सिक्का डाल आएं। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन इस उपाय को करने से भाग्य साथ देने लगता है, आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अगर पीपल या नीम के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु का 'विष्णु सहस्त्रनाम पाठ' या फिर भगवान शिव का 'शिवाष्टक पाठ' किया जाए तो इससे ग्रह दोष दूर होता है।
- ज्येष्ठ पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की तस्वीर पर 11 कौड़ियां चढ़ा कर हल्दी से तिलक करें और फिर अगले दिन उन कौड़ियों को तिजोरी में लाल कपड़े में रख दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का वास घर में रहता है।