धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव होता है, जो बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। चूंकि भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी पर्व रात को मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी मनाने की तारीख को लेकर उलझन है, क्योंकि यह तिथि 2 दिन पड़ रही है।
जन्माष्टमी का पर्व अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग पर मनाया जाता है। इस साल अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग दो अलग-अलग दिनों में पड़ रहा है। यही वजह है कि इस साल दो दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है।
पंचांग के अनुसार, 15 अगस्त को अष्टमी तिथि देर रात 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 16 अगस्त को रात 9 बजकर 34 मिनट पर होगा। ऐसे में 15 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा और वैष्णवजन 16 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे।
माना जाता है कि जो व्यक्ति कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखकर पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही उनका आराधना करने से लोगों को सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। इस दिन काफी लोग भजन-कीर्तन करते हैं और धूमधाम से उनका जन्मोत्सव मनाते हैं। इस दिन मंदिरों में काफी भीड़ देखने को मिलती है और उन्हें सजाया जाता है।
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