नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। सौभाग्यवती महिलाएं अपने सौभाग्य की कामना करने के लिए करवा चौथ व्रत के लिए सज-संवरकर तैयार हैं। हाथों में मेहंदी, नैनों में काजल, दोनों हाथों में रंग-बिरंगी चूड़ियां पहनकर 10 अक्टूबर शुक्रवार को निर्जल व्रत का संकल्प सरगी के साथ तड़के लेंगीं। पहले सूर्यास्त और फिर चांद का इंतजार रहेगा। भगवान चंद्र देव भी व्रतधारी महिलाओं के संकल्प को पूरा करने के लिए रात आठ बजकर 12 मिनट पर उदय होंगे। भगवान चंद्र देव को अर्घ्य देकर पति के माथे पर चंदन और अक्षत से तिलक कर उनके हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करेंगीं।
विवाह के उपरांत पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली नवविवाहिताएं व्रत को लेकर अधिक उत्साहित हैं। वे माता करवा से भी प्रार्थना कर रहीं हैं कि उनके निर्जल व्रत के संकल्प पूरा करने के लिए आशीष दें। एक पखवाड़े से चल रही करवा चौथ व्रत की तैयारियां एक पखवाड़े से महिलाएं करवाचौथ व्रत की तैयारियां कर रहीं हैं। इस व्रत में महिलाएं 16 शृंगार करके सजती-संवरती हैं। व्रत के लिए परिधान तैयार करने से लेकर पति और स्वजन के लिए व्यंजन बनाती हैं। पिछले एक सप्ताह से करवाचौथ के लिए खरीदारी की जा रही है।
व्रत की पूर्व संध्या पर दोनों हाथों में मेहंदी लगवाई। ब्यूटी पार्लर भी पहले बुक कर रखा था। पार्लरों पर भी गुरुवार को भारी भीड़ रही। मेहंदी और चूड़ी पहनाने वालों के यहां भी कतार लगी थी। ऐसी मान्यता है कि व्रत के साथ सुहाग का सामान सौभाग्यवती महिलाओं को दान करने से पति की दीर्घायु आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि करवाचौथ पर इस बार ग्रहों का अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। दरअसल, इस दिन शनि-मीन राशि में रहेंगे, गुरु और चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे। शुक्र, सूर्य कन्या राशि में एक साथ रहेंगे। इसके अलावा इस बार कृतिका नक्षत्र में पूजन होगा। वहीं यह पर्व शुक्रवार का दिन है तो इस वजह से भी व्रती महिलाओं को गणेश भगवान और मां लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि नौ अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी और 10 अक्टूबर की शाम सात बजकर 38 मिनट इसका समापन होगा। करवाचौथ की पूजा करने का शुभ समय सुबह पांच बजकर 16 मिनट से शाम छह बजकर 29 मिनट बजे तक रहने वाला है। वहीं चंद्रमा का उदय रात्रि आठ बजकर 12 मिनट पर होगा।