धर्म डेस्क। सनातन धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व माना गया है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह की शुरुआत 8 अक्टूबर 2025 से होगी।
इसी माह में करवा चौथ का पावन पर्व आता है, जो सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन महिलाएं करवा माता की पूजा करती हैं और निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु और दांपत्य सुख की कामना करती हैं।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से होगी और समापन 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे होगा। इस आधार पर करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 5:16 से 6:29 बजे तक
चंद्रोदय का समय - शाम 7:42 बजे
करवा चौथ का व्रत केवल एक परंपरा ही नहीं, बल्कि पति-पत्नी के रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाने का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से पति को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं और सुहागिन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
करवा चौथ व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले 'सरगी' से होती है। परंपरा के अनुसार, सास अपनी बहू को सरगी देती हैं, जिसमें फल, मिठाई और व्रत रखने के लिए आवश्यक चीजें शामिल होती हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां पार्वती ने सबसे पहले सरगी की परंपरा शुरू की थी। सरगी ग्रहण करने के बाद महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रोदय के बाद व्रत का पारण करती हैं।