नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। कार्तिक मास (Kartik Month 2025) के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी 10 अक्टूबर को आ रही है। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को करवाचौथ (Karwa Chauth 2025) कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यह वर्षभर की बारह संकष्टी चतुर्थी में सबसे बड़ी है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए निर्जल निराहार व्रत रखती है। स्थानीय पंचांग के अनुसार करवाचौथ पर रात 9 बजाकर 20 मिनट पर चंद्रोदय होगा। चंद्र दर्शन के बाद महिलाएं पति के हाथा करवे से जल पीकर व्रत को पूर्णता प्रदान करेंगी।
पंचांगकर्ता, ज्योतिषाचार्य पं. आनंद शंकर व्यास ने बताया वर्ष भर की बारह चतुर्थी में करवाचौथ को सबसे बड़ा माना गया है। इस दिन महिलाएं निर्जल उपवास रखती हैं। शाम को सूर्यास्त के पश्चात प्रदोषकाल में चौथ माता, भगवान गणेश तथा करवे का पूजन करती हैं। रात को चंद्रोदय के उपरांत चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान कर पति के हाथों करवे से जल पीकर व्रत को पूर्णता प्रदान की जाती है। इस दिन सामूहिक पूजा का विधान भी है। भगवान गणेश व चौथ माता की आराधना से व्रत का सर्वोत्तम फल प्राप्त होता है।
पंजाबी महिला विकास समिति द्वारा करवा चौथ पर देवास रोड स्थित होटल आश्रम में सामूहिक पूजा की जाएगी। विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। विकास समिति की और से नई बहुओं का सम्मान भी किया जाएगा।
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भगवान बड़े गणेश करवाचौथ पर बड़ा गणेश मंदिर में व्रती महिलाएं दर्शन पूजन करने पहुंचेगी। पं. व्यास ने बताया इस दिन भगवान का महा अभिषेक, पूजन तथा गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ होगा। महिलाओं के अखंड सौभाग्य के लिए भगवान को सिंदूर तथा लाल गुलाब अर्पित किए जाएंगे। इस दिन सैकड़ों महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए बड़े गणेश के दर्शन व पूजन करने आती है।
देश विदेश में भगवान बड़े गणेश की सैकड़ों बहनें हैं, उनके घर,परिवार की सुरक्षा व सुख समृद्धि के लिए व्यास परिवार की ओर से विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। रात को 9 बजकर 20 मिनट पर चंद्रोदय के समय भगवान को महाभोग लगाकर आरती की जाएगी।