धर्म डेस्क। जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, जिन्हें भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा।
भगवान कृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे हुआ था, इसलिए इस समय पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इस समय भक्त भजन-कीर्तन करते हैं, मंत्र जाप करते हैं और श्रीकृष्ण की आरती उतारते हैं। माना जाता है कि इससे उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
जन्माष्टमी के दिन व्रत रखना भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान के बाद भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करना चाहिए। इस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। साथ ही आप भगवान श्रीकृष्ण के इन मंत्रों का जप भी कर सकते हैं। ऐसा करने से कान्हा जी की दया दृष्टि आप पर हमेशा बनी रहेगी।
1. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे"
2. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:
3. कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः।
ऐसा करने से होगी भगवान की कृपता की प्राप्ति
जन्माष्टमी के दिन श्रीमद्भगवत गीता का पाठ भी जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान कृष्ण की कृपा की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सुख-शांति आती है। आप इस दिन पर अपनी श्रद्धा के अनुसार, गीता के किसी भी अध्याय का पाठ कर सकते हैं। इसी दिन तुलसी में जल जरूर अर्पित करें। इस दिन जरूरतमंदों लोगों को भोजन, कपड़े या धन का दान करना चाहिए, जो बेहद बेहद पुण्यकारी माना जाता है। ऐसा करने से न केवल दूसरों का भला होता है, बल्कि साधक को भगवान का आशीर्वाद भी मिलता है।
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