Mahakal ki Sawari: इस बार महाकाल की हर सवारी के लिए अलग थीम, लिस्ट में देखें किस दिन क्या होगा
सिंहस्थ मेला कार्यालय में शनिवार को श्रावण मास की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक में कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने सवारी के नए स्वरूप, श्रावण महोत्सव तथा व्यवस्थाओं की जानकारी दी। कलेक्टर ने बताया इस बार श्रावण-भाद्रपद मास में भगवान महाकाल की कुल छह सवारी निकलेगी। इनमें से हर सवारी की एक अलग थीम रहेगी।
Publish Date: Sat, 05 Jul 2025 09:50:00 PM (IST)
Updated Date: Sat, 05 Jul 2025 10:00:01 PM (IST)
महाकाल की सवारी का फाइल फोटो।HighLights
- भगवान महाकाल के साथ कला, संस्कृति के भी दर्शन होंगे।
- श्रावण-भाद्रपद महाकाल की कुल छह सवारी निकलेगी।
- इनमें से हर सवारी के लिए एक फिक्स अलग थीम रहेगी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। श्रावण-भाद्रपद मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी पहली बार अलग-अलग थीम पर निकलेगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव की मंशा अनुसार हो रहे इस नवाचार में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु भगवान महाकाल के साथ धर्म, कला, संस्कृति तथा उज्जयिनी के विकास की गौरव गाथा का दर्शन भी कर सकेंगे।
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इस तरह होंगी ये थीम
- मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार 14 जुलाई को निकलने वाली प्रथम सवारी की थीम रहेगी वेद उद्घोष। इसके अंतर्गत भगवान महाकाल की सवारी जब शिप्रा तट पर पहुंचेगी। शिप्रा दत्त अखाड़ा व रामघाट पर वेदपाठी बटुक वैदिक उद्घोष करेंगे।
- 21 अगस्त को निकलने वाली दूसरी सवारी की थीम लोक संस्कृति पर आधारित रहेगी। इसमें भक्तों को मध्यप्रदेश का मटकी नृत्य, राजस्थान का गणगौर नृत्य, आसाम का बीहू नृत्य, गुजरात का भवाई नृत्य तथा कर्नाटक का टाइगर नृत्य देखने को मिलेगा।
28 जुलाई को तीसरी सवारी में बैंड प्रमुख रहेंगे। इसमें पुलिस बैंड, आर्मी बैंड, होमगार्ड बैंड तथा शहर के प्रमुख बैंड आकर्षक प्रस्तुति देंगे।
4 अगस्त को चौथी सवारी पर्यटन आधारित रहेगी। इसमें मांडू के महल, सांची के स्तूप, खजुराहो , देवी अहिल्या किला महेश्वर, भीमबेटका, ग्वालियर का किला, उदयगिरि की गुफाएं ,विदिशा बाग की गुफाएं, धार की झांकियां निकाली जाएंगी।
11 अगस्त को निकलने वाली भगवान महाकाल की पांचवीं सवारी धार्मिक थीम पर रहेगी। इसमें श्री कृष्ण पाथेय और प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों व मंदिरों की झांकी निकाली जाएंगी।
18 अगस्त को निकलने वाली श्रावण-भाद्रपद मास की राजसी सवारी का स्वरूप अवंतिकानाथ के यशोगान की थीम पर रहेगा। इसमें 70 से अधिक भजन मंडलियों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। ![naidunia_image]()
छत्तीसगढ़ के दानदाता द्वारा भेंट नई पालकी।
छत्तीसगढ़ के दानदाता द्वारा भेंट नई पालकी
श्रावण-भाद्रपद मास की सवारी में भगवान महाकाल इस बार चांदी की नई पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। छत्तीसगढ़ के एक भक्त ने नवंबर 2024 में गुप्तदान के रूप में मंदिर समिति को यह पालकी दी थी। इस बार भगवान महाकाल के नगर भ्रमण में इसी पालकी का उपयोग होगा। कलेक्टर ने पालकी की मजबूती जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
सवारी मार्ग का निरीक्षण, लापरवाही पर जताई नाराजी
बैठक के बाद कलेक्टर ने सवारी मार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने ढाबा रोड पर सड़क का डामरीकरण करने, खुली नालियों को ढंकने, जर्जर मकानों के सामने सुरक्षा के लिए जाली लगाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने सवारी मार्ग पर एक होटल में निर्माण होते देखा। इस होटल का काम लंबे समय से चल रहा है, इस पर कलेक्टर ने नाराजी व्यक्त की और समय सीमा में काम पूरा करने के निर्देश दिए। सवारी मार्ग पर भवन व पानी की टंकी से मधुमक्खी के छत्ते हटाने तथा सवारी के दौरान निकलने वाले हाथी की सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम करने को कहा।
यह निर्देश भी दिए
- सवारी के दौरान गुदरी ,कहारवाड़ी, गणगौर दरवाजा और छत्री चौक पर प्राथमिक चिकित्सा स्थापित होना चाहिए।
- सवारी के दौरान शिप्रा के घाटों पर होमगार्ड के जवान तैनात रहे, घाट क्षेत्र में रेलिंग लगाई जाएगी।
- सवारी मार्ग पर विद्युत पोल पर फाइबर शीट से कवर करे तथा बिजली के तारों को व्यवस्थित किया जाए।
10 जुलाई से पहले पूरे करें मंदिर के अधूरे काम
कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने महाकाल सवारी मार्ग के अलावा मंदिर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया। उन्होंने स्टोन क्लेडिंग, परिसर की फ्लोरिंग तथा फसाड लाइटिंग का काम 10 जुलाई तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सख्ती के साथ कहा कि 10 तारीख के बाद यह कार्य जारी नहीं रहना चाहिए। सम्राट अशोक सेतु का गेट शीघ्र लगाए जाने के लिए भी कहा गया ।