Mahakal ki Sawari: भगवान महाकालेश्वर ने किया नगर भ्रमण, पांच रूपों में हुए दर्शन
गजराज पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट का मुखारविंद विराजमान था। सवारी निकलने के पूर्व सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया गया।
Publish Date: Mon, 11 Aug 2025 09:35:29 PM (IST)
Updated Date: Mon, 11 Aug 2025 09:39:30 PM (IST)
शिप्रा नदी पर पूजन अभिषेक के बाद सवारी मंदिर के लिए रवाना हुई। फोटो -प्रकाश प्रजापतHighLights
- कई घंटे छाया रहा भक्ति का उल्लास।
- जनजातीय कलाकारों के दल शामिल।
- पारंपरिक भजन मंडली ने दी प्रस्तुति।
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। भगवान महाकालेश्वर की श्रावण- भाद्रपद माह में निकलने वाली पांचवीं सवारी सोमवार को शाम 4 बजे निकली। भक्त भगवान के पांच रूपों के दर्शन कर निहाल हो गए। पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर रूप में विराजित थे। गजराज पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट का मुखारविंद विराजमान था। सवारी निकलने के पूर्व सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया गया। इसके बाद पालकी नगर भ्रमण पर रवाना हुई। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी दी गई। राजसी सवारी 18 अगस्त को निकलेगी।
भगवान देवेश्वर महादेव की पालकी
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नागदा मे ंभादौ के पहले सोमवार को देवेश्वर महादेव मंदिर से राजसी सवारी निकाली गई। इसमें बैंड, ढोल, बग्गी, घोड़े, डीजे, भगवान के स्वांग रचे भक्त, भगवान की पालकी शामिल रही। पुरानी नपा स्थित देवेश्वर महादेव मंदिर से निकली भगवान भोलेनाथ की राजसी सवारी पानी टंकी चौराहा, आशा बाल मंदिर चौराहा, काल भैरव मंदिर, गुर्जर मोहल्ला, पुराना बस स्टैंड, जवाहर मार्ग, रेलवे स्टेशन, एमजी रोड, थाना चौराहा होते हुए पुन: देवेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। सवारी का जगह-जगह मंच लगाकर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
चांदी की पालकी में ठाठबाट से निकले बाबा नीलकंठेश्वर
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- खाचरौद में भगवान नीलकंठेश्वर महादेव की इस वर्ष की तीसरी व भादौ मास की प्रथम सवारी सोमवार को राजकीय ठाठ-बाट के साथ मंदिर परिसर से शाम 5 बजे निकली।
- हर हर महादेव के उद्घोष से नगर गुंजायमान हो उठा। सवारी प्रारंभ होने के पूर्व भगवान नीलकंठ का पूजन अर्चन कर भगवान को चांदी की पालकी में विराजमान किया गया।
- पश्चात भगवान की मंगल आरती महंत धर्मेंद्र गिरी ने उतारी। मंदिर सभागृह से बाबा भोलेनाथ भक्तों के कंधों पर सवार होकर नगर भ्रमण को निकले।
- सवारी नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई देर रात्रि मंदिर परिसर पहुंच कर समाप्त हुई। सवारी का नगर के सभी प्रमुख चौराहों पर भक्तों ने पुष्पवर्षा कर भगवान की आरती उतारी।
- सवारी को लेकर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी के साथ जुटा रहा। नीलकंठेश्वर महादेव का भादौ मास के प्रथम सोमवार पर आकर्षक शृंगार हुआ।
- इसी प्रकार तालाब स्थित श्री बालाजी शिव मंदिर में भी भक्तों ने भगवान शिव के दर्शन पूजन किए। यहां पर भादौ मास के प्रथम सोमवार पर भगवान का मावे से पंचमुखी हनुमान स्वरूप में शृंगार हुआ।
- इसी प्रकार नगर के रावला स्थित अनादि कल्पेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों ने भगवान का महा अभिषेक पूजन किया। यहां पर शाम 7.30 बजे भगवान की आरती मंदिर पुजारी मनीष शर्मा ने उतारी।
मनकामेश्वर की सवारी निकली
- घोंसला में भगवान मनकामेश्वर महादेव की पांचवीं सवारी दोपहर 4 बजे निकाली गई। पुजारी बाबूलाल उपाध्याय ने पूजन अभिषेक कर भगवान भोलेनाथ एवं नंदी गण को फूलों से सजी पालकी में विराजमान किया।
- शिव मंदिर परिसर से भगवान भोलेनाथ नगर भ्रमण को निकले। सवारी के साथ धर्म ध्वजा महाकाल सेवा समिति सदस्य गण तथा श्रद्धालु साथ-साथ चल रहे थे।
- भक्तों द्वारा सवारी का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया तथा जगह-जगह महिला, पुरुष तथा बच्चों द्वारा हाथ में पालकी विराजमान भगवान भोलेनाथ का पूजन किया।
- सवारी छत्री मोहल्ला, बस स्टैंड, महाबली चौपाटी, हरि ओम कालोनी तथा पुराने गांव में होते हुए रात्रि 8 बजे पुन: मंदिर परिसर पहुंची, जहां पूजन कर आरती उतारी गई तथा प्रसाद का वितरण किया गया। संचालन रवि परमार ने किया।