नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर प्रशासन ने श्रावण मास में भक्तों की सुविधा के लिए समुचित प्रबंध किए हैं। इसके अनुसार भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन के लिए लंबा पैदल नहीं चलना पड़ेगा। दूरदराज से आने वाले दर्शनार्थी प्रवेश द्वार के सामने ही वाहन पार्क कर सकेंगे। सामान्य, शीघ्र दर्शन, वीआइपी और कांवड़ यात्रियों के लिए अलग-अलग द्वार से मंदिर में प्रवेश की व्यवस्था रहेगी।
पेयजल, जूता स्टैंड के साथ ही अन्नक्षेत्र में महाप्रसादी की व्यवस्था निश्शुल्क की गई है। श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की छह सवारियां निकलेंगी। पहली सवारी 14 जुलाई को निकलेगी। महाकाल मंदिर में 11 जुलाई से नौ अगस्त तक एक माह श्रावण का उल्लास छाएगा।
इस एक माह में प्रतिदिन करीब एक लाख भक्तों के महाकाल दर्शन करने आने का अनुमान है। इसी के अनुरूप महाकाल मंदिर समिति व जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है। श्रावण मास में मंदिर के पट खुलने का समय बदल जाएगा।
आम दिनों में तड़के चार बजे खुलने वाले मंदिर के पट श्रावण में प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे तथा सप्ताह के शेष दिनों में रात तीन बजे खुलेंगे। इसके बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी। भस्म आरती में चलायमान दर्शन व्यवस्था रहेगी।
किस द्वार से किन्हें मिलेगा प्रवेश सामान्य दर्शनार्थी
आम श्रद्धालुओं को श्री महाकाल महालोक के नंदी द्वार से प्रवेश मिलेगा। इसके बाद मानसरोवर भवन, फैसिलिटी सेंटर के रास्ते दर्शनार्थी गणेश व कार्तिकेय मंडपम से भगवान के दर्शन करेंगे।
सशुल्क शीघ्र दर्शन
250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट वाले दर्शनार्थी गेट नंबर-1 व गेट नंबर-4 से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। ये दर्शनार्थी भी कार्तिकेय व गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे।
कांवड़ यात्री
देशभर से आने वाले कांवड़ यात्रियों को मंगलवार से शुक्रवार तक गेट नंबर-4 से वीआइपी प्रवेश मिलेगा। सप्ताह में तीन दिन शनिवार, रविवार व सोमवार को भीड़ वाले दिनों में आने वाले कांवड़ यात्री सामान्य दर्शनार्थियों के साथ प्रवेश करेंगे।
प्रत्येक सोमवार को फलाहारी महाप्रसादी
श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार के दिन मंदिर समिति भगवान महाकाल के भक्तों को महाकालेश्वर अन्नक्षेत्र में निश्शुल्क फलहारी महाप्रसादी कराएगी। श्रद्धालुओं को शुद्ध देशी घी से बना राजगीरा का हलवा, केसरिया खीर, ड्रायफ्रूट खिचड़ी तथा मालवा की प्रसिद्ध आमठी परोसी जाएगी। सप्ताह के शेष दिन भक्तों को भोजन कराया जाएगा।
भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर करेंगे मां नर्मदा में नौका विहार
नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा/ओंकारेश्वर : भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं और कावड़ियों की भीड़ उमड़ेगी। सावन के चार और भादौ के दो सोमवार को भगवान भोलेनाथ पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण और नौका विहार भी करेंगे। प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट द्वारा आवश्यक तैयारी की गई है।
पहले सोमवार पर 14 जुलाई को शाम चार बजे भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर की सवारी मंदिर से निकलेगी। कोटितीर्थ घाट पर भगवान ओंकारेश्वर के रजत मुख का अभिषेक-पूजन होगा। इसके बाद नौका विहार करेंगे। यह सिलसिला सावन के चार और भादौ के दो सोमवार तक चलेगा।
इस वर्ष पहले सोमवार को निकलने वाली यात्रा के रूट में आंशिक बदलाव किया है। अंतिम सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की महासवारी निकलेगी। इस दिन गुलाल महोत्सव भी मनेगा। वहीं, भादौ के दूसरे सोमवार को भगवान ओंकार पर्वत की परिक्रमा करेंगे।
जल्दी खुलेंगे मंदिर के पट
मंदिर ट्रस्ट के पंडित आशीष दीक्षित ने बताया कि भीड़ को देखते हुए मंदिर के पट सुबह जल्दी खुलेंगे। अभी सुबह पांच बजे पट खुलते हैं। श्रावण में 4:30 बजे खुलेंगे। नौका विहार के अवसरों पर और पंचमुखी रजत मुखौटे का घाटों पर पंचामृत से अभिषेक होगा। भगवान की पालकी नर्मदा नदी में नौका विहार करेगी। कांवड़िए भी नर्मदा जल लेकर उज्जैन व अन्य शहर जाएंगे।