Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर ऐसे चढ़ाएं भगवान शिव को बेलपत्र ,जानें सही नियम
Mahashivratri 2023 भगवान शंकर की विशेष कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि की रात में बेलपत्र के पेड के नीचे दीपक लगाना चाहिए।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 17 Feb 2023 01:45:02 PM (IST)
Updated Date: Fri, 17 Feb 2023 10:45:00 PM (IST)

Mahashivratri 2023 । ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक भोलेनाथ की पूजा में बेलपत्र चढाने का विशेष महत्व है। भगवान शंकर को प्रिय वस्तुओं में गंगा जल के बाद बेलपत्र का सबसे अधिक महत्व है। महाशिवरात्रि वाले दिन बेलपत्र चढाने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। शिवलिंग पर जल के साथ बेलपत्र चढाने का विधान है।
शिव को बेलपत्र अर्पित करने के साथ उसे तोडते वक्त कुछ खास बातों को ध्यान में रखना चाहिए। बेलपत्र को संस्कृत में बिल्व पत्र भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर को जल के साथ बेलपत्र चढाने से उनका मस्तक शांत रहता है। पूजा में इसके उपयोग से भगवान बेहद प्रसन्न रहते हैं। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करते समय बिल्व पत्र चढ़ाएं तो इन बातों की सावधानी जरूर रखें -
सही तिथी और वार पर तोडे बेलपत्र
चतुर्थी, अष्टमी, नवमीं, चतुर्दशी, अमावस्या,संक्राति के समय और सोमवार को बेलपत्री को नही तोड़ना चाहिए। बेलपत्र भगवान शंकर को प्रिय होने के कारण इसलिए तिथियों और वार से पहले तोडा गया बेलपत्र ही चढाया जा सकता है। शास्त्रों में कहा गया है कि अगर नया बेलपत्र न मिले तो दूसरे के बेलपत्र को धोकर भी चढाया जा सकता है।
3 या 5 पत्तियों का बेलपत्र तोड़े
भगवान के लिए 3 और 5 पत्तियों वाली बेलपत्र तोडनी चाहिए। खंडित और कटी बेलपत्री नहीं चढाना चाहिए। जितने अधिक बेलपत्र में पत्ते होंगे, उतने ही शुभ माने जाएंगे। बेलपत्र की नोंक को भी तोड़ना जरूरी होता है। पत्ते को तोडने से पहले और बाद में वृक्ष को प्रणाम करना चाहिए। बेलपत्र तोड़ते वक्त ध्यान रखें कि वृक्ष को कोई नुकसान न पहुंचें।
सीधी बेलपत्र न चढाएं
भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाते समय ध्यान रखें कि बेलपत्र कभी सीधी न चढ़ाकर उसे उल्टा करके ही अर्पित करें। बेलपत्र का चिकना भाग शिवलिंग के ऊपर होना चाहिए। बेलपत्र में चक्र और व्रज नहीं होना चाहिए।
बेलपत्र का पाउडर बनाकर रखें
बेलपत्र सभी समय उपलब्ध नहीं होता है। इसके पेड में जल्दी कीड़े लगने के कारण बेलपत्र नही मिलता है, इसलिए कई लोग बेलपत्री को तोडकर इसका पाउडर बनाकर रखते है और भगवान को चढ़ाते हैं।
महाशिवरात्रि की रात में बेलपत्र पर लगाएं दीपक
तुलसी, पीपल और आंवले के पेड के साथ बेलपत्र का पेड़ भी पूजनीय माना गया है। भगवान शंकर की विशेष कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि की रात में बेलपत्र के पेड के नीचे दीपक लगाना चाहिए।
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