Mahashivratri Vrat Katha: धर्म डेस्क, इंदौर। शिवरात्रि का त्योहार हर महीने मनाया जाता है, लेकिन फाल्गुन महीने की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इसे महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को ही हुआ था। यही कारण है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च को पड़ रही है। इस अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा करने की परंपरा है। लेकिन बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि महाशिवरात्रि का त्योहार क्यों मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर पौराणिक कथा प्रचलित है।
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था। इसलिए हर साल फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस खास मौके पर देशभर में भगवान शिव की बारात निकाली जाती है।
भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की भी विशेष पूजा की जाती है। इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं। मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से साधक को वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं।
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन यानी 9 मार्च को शाम 6.17 बजे समाप्त होगी। ऐसे में 8 मार्च को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा।
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