Mala Jaap in Worship: उपासना में मंत्र जाप और माला का है विशेष महत्व, लेकिन क्या आप जानते हैं माला में क्यों होते हैं 108 मनके
Mala Jaap in Worship रुद्राक्ष की माला से भगवान शिव के मंत्र का जाप किया जाता है। शिव भक्तों के पास रुद्राक्ष की माला अवश्य होती है। रुद्राक्ष की माला से ऊँ नमः शिवाय, महामृत्युंजय शिवजी के मंत्रों का जाप करना बहुत ही अच्छा होता है।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 04 Nov 2022 08:42:26 AM (IST)
Updated Date: Fri, 04 Nov 2022 08:42:26 AM (IST)

Mala Jaap in Worship: सनातन धर्म में हमेशा से ही पूजा-उपासना और मंत्र जाप का महत्व रहा है। मंत्रों के जाप के लिए माला की जरूरत होती है। लेकिन क्या आपको पता है माला कई अलग-अलग प्रकार की होती हैं और हर माला का अपना अलग महत्व है। तो आइए जानते हैं कौन सी माला के जप करने से क्या लाभ होता है।
रुद्राक्ष की माला
रुद्राक्ष की माला से भगवान शिव के मंत्र का जाप किया जाता है। शिव भक्तों के पास रुद्राक्ष की माला अवश्य होती है। रुद्राक्ष की माला से ऊँ नमः शिवाय, महामृत्युंजय शिवजी के मंत्रों का जाप करना बहुत ही अच्छा होता है। वैसे तो कई लोग रुद्राक्ष की माला को गले में भी पहनते हैं। कहा जाता है कि इससे हृदय रोग और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।
स्फटिक की माला
स्फटिक की माला का प्रयोग मां अम्बा की उपासना के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस माला का प्रयोग करना शुभ फलदायी माना जाता है। बता दें कि स्फटिक की माला का उपयोग शु्क्र ग्रह के जाप के लिए भी किया जाता है।
तुलसी की माला
तुलसी की माला हम अधिकतर घरों में देखते हैं। कई लोग इसे अपने गले में भी धारण किये रहते हैं। दरअसल तुलसी की माला से भगवान विष्णु, लक्ष्मी, हनुमान जी व श्री राम और कृष्ण के मंत्रों का जप किया जाता है और सर्वोत्तमा माना जाता है।
चंदन की माला
मान्यताओं के अनुसार लाल रंग के चंदन की माला से मां दुर्गा की उपासना व मंत्रों का जप करना शुभ माना जाता है।
मोती की माला
कहा जाता है कि मोती की माला से जप करने से चंद्रमा की शांति के लिए जप करना चाहिए। लाभ मिलता है।
पीली हल्दी
बगलामुखी की साधना करने के लिए पीली हल्दी की माला का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए भी इसी माला से जप करना अच्छा होता है।
माणिक्य की माला
ज्योतिष के अनुसार माणिक्य की माला से जाप करने से सूर्य को प्रसन्न किया जा सकता है। लेकिन कहीं अलग माणिक्य न मिले तो लाल चंदन की माला से भी जाप किया जा सकता है।
इसलिए माला में होते हैं 108 मनके
मंत्रों के जप के लिए हमेशा 108 मनकों की माला होती है। इसके पीछे कारण है कि ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र होते हैं और प्रत्येक नक्षत्र के 4 चरण होते हैं। जिनका गुणा करने पर 108 संख्या होती है। कहा जाता है कि यह संख्या बहुत शुभ मानी जाती है। इसलिए माला में 108 मानक होते हैं।