Nautapa 2023: ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। सूर्यदेव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के अभी तीन दिन शेष हैं। किंतु तापमान धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच रहा है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार नौतपा 25 मई से प्रारंभ होकर दो मई तक चलेंगे। सूर्यदेव गुरुवार की दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में कुल 15 दिनों तक विराजमान रहते हैं। इसके शुरुआत के नौ दिन सबसे अधिक गर्मी वाले होते हैं, क्योंकि इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं और प्रचंड गर्मी रहती है।

नौतपा के नौ दिनों को एक महत्वपूर्ण मौसमी घटनाक्रम माना गया है। यह तब शुरू होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिन के लिए प्रवेश करते हैं और शुरुआत के नौ दिन धरती काफी तेज तपती है, इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर लंबवत पड़ती है।

आंधी-बारिश के कारण पूरे नौ दिन तपेंगे नौतपा

सनातन संस्कृति में सदियों से सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है, नौतपा को लेकर ऐसी मान्यता है कि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें तो आगे के दिनों में अच्छी बारिश होती है। ज्योतिष का मानना है कि अगर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है तो उस दौरान बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना भी कहा जाता है। ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति देखें तो गुरु और शुक्र एक ही राशि पर पड़ रहे हैं। इसके साथ ही इस युति पर बुध की दृष्टि भी पड़ रही है। जिसके कारण अति वृष्टि योग बन रहा है। ऐसे में माना जाता है कि इस योग से बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा होगी। ऐसे में कई जगहों पर अधिक बारिश तो कहीं पर कम बारिश होगी।

जानिए नौतपा से जुड़ा वैज्ञानिक आधार

नौतपा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। विज्ञान में भी बताया गया है कि इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, जिससे तापमान में बढ़ोतरी होती है। वहीं मैदानी इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी के कारण समुद्री लहरों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। जिससे तटीय क्षेत्रों में बारिश और तूफान की संभावना बढ़ जाती है।

Posted By: anil tomar

rashifal
rashifal