Navami Shraddha 2022: नवमी श्राद्ध उन मृतक परिवार के सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु नवमी तिथि को हुई थी, जिसमें शुक्ल और कृष्ण पक्ष नवमी दोनों शामिल हैं। नवमी श्राद्ध तिथि को मातृ नवमी (मातृनवमी) के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि माता का श्राद्ध करने के लिए सबसे उपयुक्त दिन है। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर श्राद्ध करने से परिवार की सभी मृत महिला सदस्य प्रसन्न होती हैं। नवमी श्राद्ध को नौमी श्राद्ध और अविद्या श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। पितृ पक्ष श्राद्ध पर्व श्राद्ध (पार्वण श्राद्ध) होते हैं और इन्हें करने का शुभ समय या तो कुटुप मुहूर्त और रोहिना आदि मुहूर्त होता है। उसके बाद अपराहन काल समाप्त होने तक मुहूर्त। श्राद्ध के अंत में तर्पण (तर्पण) किया जाता है। जानिये इसका सही समय।
नवमी श्राद्ध सोमवार, 19 सितंबर, 2022
कुटुप (कुतुप) मुहूर्त - 11:26 पूर्वाह्न से 12:14 अपराह्न
अवधि - 00 घंटे 49 मिनट
रोहिना (राहुण) मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:03 बजे तक
अवधि - 00 घंटे 49 मिनट
अपराहन (अपराह्न) काल - दोपहर 01:03 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक
अवधि - 02 घंटे 26 मिनट
नवमी तिथि शुरू - 18 सितंबर 2022 को शाम 04:32 बजे
नवमी तिथि समाप्त - 07:01 अपराह्न 19 सितंबर, 2022
दूज श्राद्ध नवमी श्राद्ध का दूसरा नाम
दूज श्राद्ध नवमी श्राद्ध का दूसरा नाम है। हिंदू चंद्र माह के अनुसार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों ही दोनों पक्षों के दूसरे दिन आते हैं। दोनों पक्षों में से किसी एक की नवमी के दिन जान गंवाने वाले लोगों के लिए नवमी श्राद्ध पर अनुष्ठान किया जाता है