धर्म डेस्क। नवरात्र में नवपत्रिका पूजा (Navpatrika Puja 2025) का विशेष महत्व है। 'नवपत्रिका' का अर्थ नौ पत्तियां होता है। इसे करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, यह पूजा फसल की अच्छी पैदावार के लिए भी की जाती है।
पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि 28 सितंबर को दोपहर 2:27 बजे से प्रारंभ होगी और 29 सितंबर को दोपहर 4:31 बजे समाप्त होगी। इसलिए नवपत्रिका पूजा सोमवार, 29 सितंबर 2025 को की जाएगी।
अरुणोदय- सुबह 5:49 बजे
सूर्योदय- सुबह 6:13 बजे
नवपत्रिका पूजा को महा सप्तमी भी कहा जाता है। इस दिन नौ प्रकार की पत्तियों को बांधकर देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इन नौ पत्तियों में शामिल हैं-
केला, दारुहल्दी, हल्दी, जयंती, बेलपत्र, अनार, अशोक, धान और अमलतास। इन्हें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है।
1. सबसे पहले इन नौ पत्तियों को बांधकर किसी पवित्र नदी में स्नान कराया जाता है, जिसे महास्नान कहा जाता है।
2. इसके बाद घर के मंदिर में चौकी लगाकर देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है और प्राण प्रतिष्ठा की जाती है।
3. देवी मां को नैवेद्य, 16 शृंगार और अन्य सामग्री अर्पित की जाती है।
4. पूजा के अंत में आरती की जाती है और सभी में प्रसाद वितरित किया जाता है।