Pradosh Vrat 2023: बैसाख महीने का पहला प्रदोष व्रत आज, इन उपायों से प्रसन्न होंगे भोलेनाथ
Pradosh Vrat सोम प्रदोष व्रत आज 17 अप्रैल को रखा जा रहा है और इस व्रत की शुरुआत 03.46 मिनट पर होगी
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 17 Apr 2023 09:01:28 AM (IST)
Updated Date: Mon, 17 Apr 2023 09:01:28 AM (IST)
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Pradosh Vrat 2023 । हिंदू धर्म में सोमवार को आने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने से हर कष्ट से मुक्ति मिलती है। देश के कई स्थानों पर सोम प्रदोष को चन्द्र प्रदोषम भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर माह की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है और इस दिन व्रत रखने से सर्वसुखों की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत के प्रभाव से चन्द्रमा अपना शुभ फल देता है।
ऐसे करें सोम प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा
- सोम प्रदोष व्रत कठिन माना जाता है और इस व्रत को निर्जल रखा जाता है
- सुबह स्नान आदि के बाद भगवान शिव की पूजा करें।
- त्रयोदशी के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
- स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें।
- भगवान शिव का अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से पूजा करें।
सोम प्रदोष व्रत पर पूजा का शुभ मुहूर्त
सोम प्रदोष व्रत आज 17 अप्रैल को रखा जा रहा है और इस व्रत की शुरुआत 03.46 मिनट पर होगी और इसका समापन 18 अप्रैल को दिन में 01.27 मिनट पर होगी। उदयातिथि के कारण सोम प्रदोष व्रत 17 अप्रैल को ही रखना जाएगा। सोम प्रदोष व्रत का पूजन मुहूर्त शाम 06.48 मिनट से रात 09.01 मिनट तक रहेगा।
सोम प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा-पाठ और उपवास को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। कलयुग में प्रदोष व्रत को करना बहुत मंगलकारी माना गया है। भगवान शिव की अराधना करने से जातक की सभी परेशानी दूर हो जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। सोम प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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