धर्म डेस्क, इंदौर। Pradosh Vrat 2024: त्रयोदशी की तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित मानी जाती है। प्रदोष व्रत हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव जी की विधि-विधान से आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मई का महीना शुरू होने वाला है। आइए, जानते हैं कि मई में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तिथि और समय क्या है।
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 मई को शाम 5.41 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 6 मई को दोपहर 2.40 बजे समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 5 मई को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का समय शाम 6.59 बजे से रात 9.06 बजे तक है।
प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा है। पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई को दोपहर 3 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 21 मई को शाम 5 बजकर 39 मिनट पर तिथि समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 20 मई को रखा जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ समय शाम 7.08 बजे से रात 9.12 बजे तक है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को भगवान शिव की आराधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत और पूजन करने से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
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